-
Advertisement
#coronavaccine को लेकर #HPCabinet में क्या बड़ा फैसला और कब तक पहुंचेगी दवा- जानिए
शिमला। हिमाचल में पहले चरण में एक लाख 35 हजार को कोरोना वैक्सीन (#coronavaccine) दी जाएगी। इनमें मेडिकल ऑफिसर (Medical Officer), पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी व पुलिस कर्मचारी आदि फ्रंट लाइन वारियर्स शामिल हैं। पहले पहले चरण में 90 हजार को कोरोना वैक्सीन देने की योजना थी। पर अब पुलिस सहित फ्रंट लाइन वारियर्स को भी शामिल कर लिया गया है। आज हुई कैबिनेट (Cabinet) की बैठक में पहले चरण में एक लाख 35 हजार लोगों को कोरोना वैक्सीन देने की मंजूरी मिल गई है। शहरी विकास एवं आवास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Urban Development and Housing Minister Suresh Bhardwaj) ने बताया कि हिमाचल में कोरोना वैक्सीन आठ या दस दिन में आ जाएगी। इससे पहले 11 जनवरी को पूरे हिमाचल में ड्राई रन होगा। पहले दो जनवरी को शिमला में ड्राई रन किया गया था।
यह भी पढ़ें: Covaxine को पानी कहने पर भड़के Bharat Biotech के संस्थापक कृष्णा एल्ला, बोले – हम वैज्ञानिक हैं
उन्होंने बताया कि पहले चरण में एक लाख 35 हजार मेडिकल ऑफिसर, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी व पुलिस कर्मी आदि फ्रंट लाइन वारियर्स को वैक्सीन दी जाएगी। दूसरे चरण के लिए अभी केंद्र की गाइडलाइंस नहीं आई है। जैसे ही केंद्र की गाइडलाइन (Guideline) आएगी दूसरे चरण को लेकर निर्णय कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन निशुल्क दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में कोरोना वैक्सीन का टीका लगाने के लिए तीन सौ सेंटर बनाए गए हैं। स्टेट लेबल का सेंटर शिमला में होगा। वहीं, मंडी (Mandi) और धर्मशाला (Dharamshala) में दो रिजनल सेंटर बनाए गए हैं। इसके अलावा सभी जिला मुख्यालयों में सेंटर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि तीन सौ सेंटर में एक दिन में सौ को वैक्सीन देने का टारगेट फिक्स किया गया है। पहले 90 हजार को कोरोना वैक्सीन देने का प्लान था और अब एक संख्या एक लाख 35 हजार पहुंच गई तो आवश्यकता पड़ी तो सेंटर बढ़ाए जाएंगे।
यह भी पढ़ें: देश में 13-14 January से शुरू हो सकता है #CoronaVaccine का टीकाकरण, ये है सरकार की योजना
उन्होंने कहा कि कैबिनेट में बर्ड फ्लू (Bird flu) को लेकर भी प्रस्तुति दी गई। उन्होंने कहा कि इसको लेकर सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। यह ऐसी घटना है, जिससे नुकसान हो सकता है। इसको लेकर जरूरी दवाइयां और पीपीई किट (PPE Kit) आदि मुहैया करवा दी गई हैं। इसमें कृषि, वन और पशुपालन विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। पशुपालन विभाग नोडल विभाग है। सरकार की कोशिश है कि यह वायरस माइग्रेट पक्षियों से अन्य पक्षियों में ना जाए। इसकी रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं।