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यूपी उन्नाव कांड : अब तक घटना में क्या-क्या हुआ और क्या है पूरा मामला
उन्नाव। उत्तर प्रदेश का उन्नाव जिला (Unnao Case) एक बार फिर गलत कारणों की वजह से सुर्खियों में है। बुधवार रात खेत में एक दलित परिवार की नाबालिग बुआ-भतीजी के शव (Dead Bodies) मिल थे, जबकि एक चचेरी बहन की हालत गंभीर है और उसे अस्पताल (Hospital) में दाखिल करवाया गया है। पुलिस मामले की जांच किशोरियों के जहर खुद खाने या जबरन खिलाए जाने के एंगल से कर रही है। मृतक बुआ और भतीजी का पोस्टमार्टम (Postmortem) हो चुका है और बताया जा रहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शुरुआती जांच में मौत का कारण जहर (Poison) ही है, लेकिन कौन सा जहर है इसका खुलासा नहीं हुआ है। पुलिस ने हत्या का मामला भी दर्ज किया है।
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इसके अलावा बबुरहा गांव (Baburaha Village) छावनी में तब्दील हो चुका है। यहां जगह-जगह पुलिस ने बैरियर लगाए हैं और चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात हैं। मीडिया को भी मृतकों के परिजनों से नहीं मिलने दिया जा रहा है। उधऱ, परिजनों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने पर ग्रामीण भी वरोध पर बैठ गए हैं। सीओ हसनगंज और सीओ बांगरमऊ मौके पर हैं। इसके अलावा गांव में 18 दरोगा, 70 हेड कॉन्स्टेबल और 30 आरक्षी भी तैनात किए गए हैं, जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मामला कितना गंभीर है। साथ ही एडीएम, एसडीएम और विधायक अनिल सिंह भी गांव पहुंचे हुए हैं। नाबालिग बुआ-भतीजी के शवों को दफनाने के लिए जेसीबी लाई गई है।
सीएम योगी ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए डीजीपी से प्रकरण की पूरी रिपोर्ट तलब की है। इसके अलावा अस्पताल में भर्ती पीड़िता का खर्चा भी सरकार द्वारा उठाने की बात कही है, लेकिन इस मामले को लेकर अब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी बयान दिए हैं। राहुल गांधी ने ट्विट कर कहा है कि केवल दलित समाज को ही नहीं यूपी सरकार महिला सम्मान व मानवाधिकारों को भी कुचलती जा रही है। लेकिन वे याद रखें कि मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी पीड़ितों की आवाज़ बनकर खड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाकर ही रहेंगे। इसके अलावा दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने भी ट्विट किया है। उन्होंने लिखा कि उन्नाव की तीसरी बेटी को तुरंत इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया जाए। हर हाल में बच्ची को बचाना है!
उन्नाव की तीसरी बेटी को तुरन्त इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया जाए। हर हाल में बच्ची को बचाना है!
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) February 18, 2021
उन्नाव एसपी आनंद कुलकर्णी (Unnao SP Anand Kulkarni) के मुताबिक जांच के लिए पुलिस की छह टीमें गठित की गई हैं। साथ ही स्वाट और सर्विलांस टीमें भी काम कर रही हैं। मामले में अस्पताल में उपचाराधीन किशोरी के बयान काफी ज्यादा अहम हैं। उन्नाव एसपी आनंद कुलकर्णी का कहना है कि जल्द घटना से पर्दा उठाया जाएगा हालांकि प्रथम दृष्टया मामला जहर से मौत का प्रतीत हो रहा है। इसके अलावा बबुरहा गांव में हुई घटना के बाद देर रात मौके पर पहुंची आईजी लक्ष्मी सिंह ने घटनास्थल का मुआयना किया। इसके बाद उन्होंने मृतकों के परिजनों से भी वार्ता की। बताया जा रहा है कि इस दौरान मृतका के पिता ने एक युवक का नाम लेकर कहा कि तुम्हें यह नहीं करना चाहिए था। इसके बाद आईजी उन्हें किनारे ले गईं। ऐसा बताया जा रहा है कि पिता का इशारा घर के ही किसी अपने सदस्य पर था।
केवल दलित समाज को ही नहीं यूपी सरकार महिला सम्मान व मानवाधिकारों को भी कुचलती जा रही है।
लेकिन वे याद रखें कि मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी पीड़ितों की आवाज़ बनकर खड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाकर ही रहेंगे।#Save_Unnao_Ki_Beti
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 18, 2021
क्या है पूरा मामला और क्यों है बवाल
दरअसल, असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा में बुधवार लगभग दोपहर के करीब बुआ और भतीजी और एक और लड़की खेत में पशुओं के लिए चारा लेने गईं। जब तीन देर शाम तक घर नहीं लौटीं तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। परिजनों का कहना है कि तीनों बेहोशी की हालत में खेतों मिलीं जो कपड़े से बंधीं थीं। तीनों के मुंह से झाग भी निकल रहा था। इसके बाद तीनों को परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र असोहा लाए, लेकिन दो को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा तीसरी लड़की का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
बयानों में विरोधाभाष
दरअसल पूरे को लेकर मृतका के परिजनों के बयान में ही विरोधाभास है। दरअसल एक लड़की की मां के द्वारा यह बताया गया है कि मौके पर लड़कियों के हाथ पांव नहीं बंधे थे, जबकि एक लड़की के चाचा ने बयान दिया कि लड़कियों के हार-पैर मौके पर बंधे थे। इसके बाद ही मामला पेचीदा हो गया।
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