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44 हजार का चश्मा पहनकर खराब हो गई आंखें, उपभोक्ता से चीटिंग की विक्रेता को मिली ये सजा
Last Updated on May 20, 2021 by Deepak
हमीरपुर। आंखों की कोई ना कोई समस्या आजकल आम हो गई है खासकर बुर्जुगों को आंखों में दिक्कत हो ही जाती है। इसके लिए लोग चश्मा (Spectacles) बनवाते हैं ताकि उनकी नजर टिक जाए लेकिन अगर हजारों रुपए खर्च कर भी स्थिति ठीक होने की जगह बिगड़ जाए तो आप क्या करेंगे। कुछ ऐसा ही हुआ हमीरपुर के एक व्यक्ति के साथ। इन्होंने 44 हजार रुपए खर्च कर एक चश्मा खरीदा लेकिन उसको लगाने के बाद स्थिति सुधरने की जगह खराब होती चली गई। व्यक्ति ने इसकी शिकायत हमीरपुर जिला उपभोक्ता फोरम (Hamirpur District Consumer Forum) में की जिसके बाद चश्मा विक्रेता को 17 हजार रुपए हर्जाना भरने और उपभोक्ता से लिए गए 44,058 रुपए को नौ फीसदी ब्याज समेत लौटाने के आदेश दिए गए हैं।
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जानकारी के अनुसार अनंत राम कौंडल निवासी गांव पिदरटा, डाकघर टिक्करी मिन्हास उपमंडल भोरंज जिला, हमीरपुर के अनुसार उन्होंने नेत्र विशेषज्ञ की सलाह पर हमीरपुर के एक चश्मा विक्रेता से अक्तूबर 2013 में 44,058 रुपए का एक चश्मा खरीदा था। खरीददारी के दौरान विक्रेता ने बताया कि यह चश्मा नामी कंपनी का है और इससे आंखों की दृष्टि सेट हो जाएगी, लेकिन इस चश्मे को पहनने के बाद उपभोक्ता की आंखों की रोशनी कम होने लगी। इसके बाद उपभोक्ता अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ (Eye Specialist) के पास गए जिन्होंने बताया कि यह कंपनी का असली चश्मा नहीं है जिस कारण उनकी आंखों की रोशनी कम हो गई है। इसके बाद उपभोक्ता ने ऑनलाइन सर्च कर कंपनी का पता ढूंढा और उनसे संपर्क किया। कंपनी ने बताया कि उनका हिमाचल में कोई भी शोरूम या अधिकृत विक्रय केंद्र नहीं है।हकीकत पता चलने के बाद उपभोक्ता (Consumer) ने जिला कंज्यूमर फोरम हमीरपुर में शिकायत दर्ज करवाई।
इस मामले पर सुनवाई करते हुए कंज्यूमर फोरम ने दुकानदार को 44,058 रुपए नौ फीसदी ब्याज के साथ लौटाने के आदेश दिए। साथ ही 10 हजार रुपए मानसिक प्रताड़ना का हर्जाना तथा सात हजार रुपये कानूनी खर्च देने के भी आदेश दिए। कंज्यूमर फोरम ने कहा कि निर्धारित समय के भीतर उपरोक्त राशि का भुगतान न करने पर दुकानदार को प्रतिदिन 200 रुपए के हिसाब से जुर्माना देना होगा। जिला कंज्यूमर फोरम के अध्यक्ष भुवनेश अवस्थी, फोरम के सदस्य कंचन बाला और सुशील शर्मा ने उपभोक्ता के शिकायत पत्र पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए हैं। उपभोक्ता की ओर से इस मामले की पैरवी अधिवक्ता सुन्नाय कुमार ने की।