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हिमाचल शर्मसार- बुजुर्ग महिला का शव डंडे से बांध सड़क तक पहुंचाया
कोरोना के इस दौर में कई ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं , जिन को देख कर इंसानियत शर्मसार हो रही है। एक समय था जब गांव में किसी की मृत्यु होती थी तो उसकी अंतिम यात्रा में शामिल होना और शव को कंधा देना पुण्य का काम माना जाता था लेकिन महामारी के इस दौर में लोग अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हो रहे हैं। गांव के बुजुर्गों ने जिन बच्चों पर अपना प्यार लुटाया आज कोरोना ( Corona) से उनकी मौत हो जाने पर उन्हें शमशान घाट तक पहुंचाने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। माना कि ये महामारी का दौर है लेकिन मानव धर्म भी सबसे ऊपर होता है। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे देख कर हर किसी की आंख भर आए। यहां पर एक बुजुर्ग महिला को कंधा देने के लिए जब आसपड़ोस व गांव- खेड़े के लोग सामने नहीं आए तो एथलेटिक्स सेंटर ( Athletics center) के खेल प्रशिक्षक गोपाल ठाकुर सामने आए। बुजुर्ग महिला के शव को डंडे से बांध कर एक किलोमीटर दूर सड़क तक पहुंचाया। इस बुजुर्ग महिला की मौत कोरोना से नहीं हुई थी।
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धर्मपुर के संधोल की बुजुर्ग महिला बेटी के घर गवाल गांव आई हुई थी। इसी बीच बेटी कोरोना संक्रमित ( Corona infected) हो गई और शनिवार को बुजुर्ग महिला की मौत ( Death)हो गई। बुजुर्ग महिला की मौत पर गवाल का कोई भी व्यक्ति आगे नहीं आया जबकि वह महिला संक्रमित नहीं थी। प्रशासन को इस बात का पता चला तो उन्होंने गोपाल ठाकुर से संपर्क किया उन्होंने अपने सेंटर के दो खिलाड़ियों सुमित व विशाल के साथ गवाल गांव पहुंचकर शव को डंडों से सहारे बांधकर सड़क तक पहुंचाया। वहां पर महिला के परिजन उसे अपने गांव अंतिम संस्कार के लिए ले गए। हैरानी इस बात की है कि खेल प्रशिक्षक गोपाल ठाकुर व उनके दो साथी 40 किलोमीटर दूर गवाल गांव पहुंच लेकिन उसी गांव के लोग शव को हाथ नहीं लग रहे थे, जबकि महिला संक्रमित नहीं थी।