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बीजेपी के चिंतन में टिकट पर मंथन- किस नाम के दावे कितने पुख्ता, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
शिमला। बीजेपी की आज से तीन दिवसीय चिंतन बैठक शिमला में शुरू होने जा रही है। पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल (Former CM Prem Kumar Dhumal) व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister of State for Finance Anurag Thakur) भी शिमला में हैं। हिमाचल बीजेपी (BJP) दो दिनों से इनके इर्द-गिर्द नजर आ रही है। बीते कल सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ पहुंचकर दोनों से मुलाकात की थी।
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खैर चिंतन शिविर में जो सबसे अहम मुद्दा रहने वाला है वो मुद्दा है उपचुनाव के टिकट को लेकर। हिमाचल में मंडी लोकसभा सीट, फतेहपुर और जुब्बल कोटखाई विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। जुब्बल कोटखाई से बीजेपी विधायक नरेंद्र बरागटा का हाल ही में निधन हुआ है। तीनों सीटों में से दो सीट पर बीजेपी काबिज थी, जबकि फतेहपुर सीट से कांग्रेस के सुजान सिंह पठानिया विधायक थे। बीजेपी के चिंतन शिविर में इन्ही सीटों पर मंथन होगा। ये उपचुनाव इसलिए भी अहम हो जाता है, क्योंकि इसमें हिमाचल की 19 विधानसभाएं कवर होंगी। ऐसे सरकार को अपनी लोकप्रियता साबित करने के लिए कड़ा इम्तिहान रहेगा, क्योंकि जाहिर तौर पर एंटी इनकंबेंसी फैक्टर ने भी हिमाचल में काम करना शुरू कर दिया है।
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सबसे पहले बात करते हैं मंडी लोकसभा सीट की। मंडी लोकसभा सीट क्षेत्रफल के लिहाज से देश की दूसरा सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र है। खैर इससे भी बड़ी बात यह है कि मंडी लोकसभा क्षेत्र में हिमाचल की 17 विधानसभाएं आती हैं। ऐसे में पूरे हिमाचल की नजरें इसी सीट पर होंगी। अब बात करते हैं कि आखिर इस सीट पर बीजेपी की ओर से किसकी लॉटरी लग सकती है। जो भी चुनाव में उतरेगा उसके क्या पॉजिटिव हैं और क्या नेगेटिव। इस समय मंडी सीट के लिए जिन नामों को लेकर चर्चा है उनमें ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर, जयराम सरकार में नंबर दो कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, प्रवीण शर्मा, अजय राणा, कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, पूर्व सांसद महेश्वर सिंह और राकेश जम्वाल का नाम शामिल है। अब बात करते हैं किस नाम के क्या नफा-नुकसान निकलकर सामने आ रहे हैं।
रि. ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर
कारगिल हीरो रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर एक जाना हुआ नाम हैं। यह उनके साथ इकलौत प्लस प्वाइंट है। उन्हें पहचान की जरूरत नहीं साथ ही साथ 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उनके टिकट को लेकर चर्चा जोरों पर थी। अब बात करते क्यों उनका टिकट का दावा पुख्ता नहीं है। सबसे बड़ा कारण है ऐज फैक्टर। कारगिल हीरो रि. ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर 66 साल नौ महीने और 6 दिन के हैं। ऐसे में बीजेपी यहां नई पौध को लेकर तैयारी कर रही है। साथ ही साथ उन्हें हिमाचल प्रदेश भूतपूर्व सैनिक निगम हमीरपुर का अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक भी बनाया जा चुका है।
महेंद्र सिंह ठाकुर
महेंद्र सिंह ठाकुर जयराम सरकार में नंबर दो हैसियत रखते हैं। ऐसे में कोई व्यक्ति क्यों इस पोस्ट को छोड़कर जाना चाहेगा। इसके अलावा महेंद्र सिंह ठाकुर जिस धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से आते हैं वो मंडी लोकसभा क्षेत्र में ही नहीं पड़ता। खैर इस बात से कोई फर्क पड़ता भी नहीं है। हां ये जरूर हो सकता है कि महेंद्र सिंह ठाकुर अपने बेटे रजत ठाकुर को स्थापित करना चाहें और यह कहकर चुनाव लड़ें कि यदि सीट खाली होती है तो टिकट मेरे बेटे को दिया जाए। हालांकि जयराम सरकार एक और उपचुनाव का बोझ आखिर क्यों झेलना चाहेगी। इसके अलावा ऐज फैक्टर भी महेंद्र सिंह के साथ जुड़ा है। ऐसे में उन्हें टिकट मिलने की संभावना भी कम हो जाती है।
प्रवीण शर्मा
प्रवीण शर्मा एक ऐसा नाम है जिसके साथ बीजेपी का हर व्यक्ति सहानुभूति रखता है। हालांकि टिकट की बारी जब आती है तो इनके साथ खेला होवे जैसी स्थिति हो जाती है। ऐसे में इस बार भी इनका नाम खूब चल रहा है, लेकिन इस बार भी क्या उन्हें टिकट मिलता है या खेला होता है ये देखना होगा। इनके साथ हो चीज चलती है वो है इनका सर नेम, जी हां प्रवीण शर्मा। बीजेपी ब्राह्मणों को साधने के लिए इस नाम ज्यादा प्रमुख्ता से विचार कर सकती है, क्योंकि मंडी जिला में एक भी ब्राह्मण विधानसभा में नहीं है और रामस्वरूप शर्मा भी ब्राह्मण थे। इसके साथ ही इनके साथ प्लस प्वाइंट ये भी है कि युवा हैं।
अजय राणा
हिमाचल बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता की लिस्ट में शामिल अजय राणा वैसे तो युवा हैं, लेकिन इनकी भी पीएम तक जान पहचान है। युवा हैं, लेकिन धूमल गुट का ठपा इन पर लगा हुआ है। ऐसे में जयराम सरकार क्या इन्हें ज्यादा तवज्जो देती है ये देखना होगा। अजय राणा के साथ जो प्लस प्वाइंट है वो यह है कि 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट के पैनल जो दो नाम गए थे उनमें से एक अजय राणा का भी था। मतलब दोनों बार बार ये टिकट की लिस्ट में तो शामिल थे, लेकिन टिकट तक पहुंच नहीं सके। ऐसे में इस बार इनका दावा और पुख्ता हो जाता है।
गोविंद सिंह ठाकुर, पूर्व सांसद महेश्वर सिंह और राकेश जम्वाल
सबसे पहले बात करते हैं कि कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर की। इनके साथ भी यही फैक्टर है की आखिर क्यों ये कैबिनेट मंत्री के ठाठ बाट छोड़कर सांसद बनना चाहेंगे, जहां सांसद बनने पर इनकी पूछ घट जाएगी। हालांकि यह बात अलग है कि 2019 में पंडित रामस्वरूप शर्मा के कवरिंग कैंडिडेट यही थे। इसके अलावा जयराम सरकार भी क्यों एक और उपचुनाव अपने सिर पर मढ़ना चाहेगी। इसके अलावा महेश्वर सिंह के साथ भी ऐज फैक्टर की बात है। बीजेपी नई पौध की तरफ रुख कर रही है। उधर, अब बात करते हैं सुंदरनगर से बीजेपी विधायक राकेश जम्वाल के नाम पर। राकेश जम्वाल युवा हैं। अभी तो हिमाचल विधानसभा की राजनीति में दाखिल हुए हैं ऐसे में खुद को हिमाचल में स्थापित करने की बजाय क्यों फिर नए सिरे से शुरुआत करना चाहेंगे। साथ ही बीजेपी सरकार क्यों आखिर यहां भी उपचुनाव को लेकर क्यों परेशानी मोल लेगी।
ये तो सिर्फ मंडी लोकसभा क्षेत्र की बात थी बीजेपी के अंदर जिन नामों पर चर्चा को लेकर शोर हो रहा है उसके हर पहलू हमने टटोलने की कोशिश की। खैर बीजेपी वैसे भी सबको चौंकाने के लिए जानी जाती है। ऐसे में देखना यह होगा कि आखिर किसका टिकट फाइनल होता है। अगली कड़ी में हम बात करेंगे फेतहपुर और जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के संभावित चेहरों पर।