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हिमाचल को मिला दूसरा सैनिक स्कूल, नालागढ़ के बोरियां में अप्रैल से शुरू होगा शैक्षणिक सत्र
शिमला। हिमाचल (Himachal) के लिए आज बहुत बड़ी खुशखबर आई है। केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए दूसरे सैनिक स्कूल (Sainik School) को मंजूरी दे दी है। पहला सुजानपुर टीहरा में है और अब दूसरा औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ (Nalagarh) में संचालित होगा। रक्षा मंत्रालय ने नालागढ़ के बारियां गांव में चल रहे संविद गुरुकुलम् विद्यालय को सैनिक स्कूल में तब्दील करने की अनुमति दी है। क्षेत्र में इस सैनिक स्कूल के खुलने से बच्चे मिलिट्री एजुकेशन (Military Education) आसानी से ले सकेंगे। नालागढ़ के बरियां गांव में साध्वी ऋतंभरा के मार्गदर्शन में 2019 से बोर्डिंग स्कूल (आवासीय सुविधा) संविद गुरुकुलम् विद्यालय संचालित किया जा रहा है। यहां देश के विभिन्न राज्यों के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अब इस आवासीय स्कूल के सैनिक स्कूल बनने से न केवल हिमाचल, बल्कि पंजाब (Punjab), हरियाणा और चंडीगढ़ समेत अन्य राज्यों के बच्चों को फायदा मिलेगा।
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इस सत्र में 150 बच्चे लेंगे शिक्षा
विद्यालय में 5वीं से 10वीं कक्षा तक के तकरीबन 90 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस साल इनकी संख्या तकरीबन 150 पहुंच सकती है। इनकी चयन प्रक्रिया स्कूल प्रबंधन एंट्रेंस टेस्ट (Entrance Test) के आधार पर करता है। इस बार की चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अप्रैल में यहां शैक्षणिक सत्र शुरू हो जाएगा। सैनिक स्कूल में तब्दील होने के बाद यहां छठी से 12वीं तक की कक्षाएं लगेंगी। संविद गुरुकुलम् विद्यालय के एजुकेशन डायरेक्टर नूतन चंद्रा ने बताया कि अगले शैक्षणिक सत्र से रक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार सैनिक स्कूल में बच्चों को दाखिला मिलेगा। उन्होंने बताया कि स्कूल का संचालन, फंडिंग (Funding) वगैरह को लेकर केंद्र के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है।
देशभर के 750 स्कूलों ने कर रखा है आवेदन
युग चेतना वात्सल्य पीठ ट्रस्ट (Yug Chetna Vatsalya Peeth Trust) की ओर से संचालित राज लक्ष्मी संविद गुरुकुलम ने भारत सरकार की पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (Public Private Partnership) पर आधारित सैनिक स्कूल सोसायटी योजना के अंतर्गत संविद गुरुकुलम विद्यालय बरियां को सैनिक स्कूल बनाने को आवेदन (Application) कर रखा था। योजना के तहत देशभर से केंद्र को लगभग 750 आवेदन मिले है। इनमें से शिक्षा व आधारभूत ढांचे की गुणवत्ता के आधार पर 100 स्कूलों का चयन होना है। रक्षा मंत्रालय ने पहले चरण में 21 सैनिक चयनित कर लिए हैं। इनका संचालन गैर सरकारी संगठनों, निजी स्कूल व राज्य सरकारों के साथ साझेदारी से किया जाना है।