-
Advertisement
तिब्बती समुदाय का नववर्ष आज से शुरू, लोसर पर पूजा- अर्चना कै दौर
पंकज नरयाल/ धर्मशाला। तिब्बती नववर्ष लोसर का आज से शुभारंभ हो गया है। लोसर को लेकर तिब्बती समुदाय में खासा उत्साह देखने को मिला। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले कुछ वर्षों में तिब्बती अपना नववर्ष लोसर नहीं मना सके थे लेकिन इस वर्ष तिब्बती समुदाय पूरे जोश से लोसर मना रहा है। लोसर के लिए तिब्बती पहले ही अपने अपने घरों में साफ सफाई के साथ रंग रोगन करवा लेते है। इसके अलावा नववर्ष के लिए विभिन्न प्रकार की मिठाईयां आदि भी बनाई जाती है।
आज की पूजा एक देश या एव मानव के लिए नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए
निर्वासित तिब्बत सरकार की उपाध्यक्ष डोलमा सेरिंग ने कहा कि तिब्बतियों में लोसर का जो परंपरा है वो पहले सुबह धार्मिक कार्यक्रम से शुरू होती है उसके उपरांत (सीटीए) निर्वासित तिब्बत सरकार के अधिकारी दलाईलामा मंदिर में आते है। टिप्पा से तिब्बती स्कूल के बच्चे भी इस मंदिर में आते हैं और यहां पर नृत्य किया जाता है। तिब्बत में एक परंपरा है कि इस पर्व पर नन्हे बच्चों द्वारा नृत्य किया जाता है। इस के बाद दो लामाओं द्वारा बुद्ध की शिक्षा पर वार्तालाप होता है। तिब्बती इस मौके पर एक प्रतिज्ञा करते है कि इस वर्ष आप किस चीज को बदलना चाहते है। उन्होंने कहा कि इस मौके पर उन्होंने प्रतिज्ञा की है कि जितना भी चीन और तिब्बत के बीच संघर्ष चल रहा हैवह वार्तालाप के जरिये सुलझ जाए और सारे विश्व में शांति और भाई चारा बना रहे।
डिपार्टमेंट ऑफ सिक्योरिटी मंत्रालय की मंत्री गेरी डोलमा ने कहा कि आज हम तिब्बतियों के लिए जो लोग तिब्बत में रहते है या जो तिब्बत के बाहर रहते है , अहम दिन है। आज से नया साल शरू हो रहा है। तिब्बतियों का कैलेंडर लूनर यानी चंद्रमा के हिसाब से चलता है। हमारा कैलेंडर चीन के कैलेंडर से बिलकुल अलग है। जो पूजा अर्चना आज की जाती है, वह एक देश या केवल एक मानव के लिए नहीं होती अपितु पूरे विश्व मे शांति बनी रहे इसलिए होगी है।