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लोअर बाजार में अतिक्रमण मामलाः हाईकोर्ट ने एसपी शिमला को दिए पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करने के आदेश
Last Updated on May 23, 2023 by sintu kumar
शिमला। हाईकोर्ट ने तहबाजारियों का शिमला नगर निगम के अधिकारियों की कार्यवाही में दखल को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने अपने आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए एसपी शिमला को पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करने के आदेश दिए हैं। मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि तहबाजारी कोर्ट के आदेशों पर अमल करने में अड़चने पैदा कर रहे हैं। कोर्ट ने एसपी और नगर निगम को 30 मई तक स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए है। कोर्ट ने अवैध तहबाजारियों व स्थानीय दुकानदारों द्वारा लोअर बाजार शिमला की मुख्य सड़क पर कब्जे और अवैध पार्किंग कर शहर की मुख्य सड़कों पर किए जाने वाले कब्जों को हटाने के लिए कम से कम 15 सदस्यों वाली टास्क फोर्स का गठन करने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने शिमला शहर व साथ लगते अन्य कस्बों की सड़कों से अतिक्रमण हटाने व शिमला शहर की मुख्य सड़कों पर मुफ्त पार्किंग पर लगाई रोक से जुड़े आदेशों की अनुपालना संबंधी स्टेट्स रिपोर्ट भी तलब की थी।
तहबाजारियों पर कोर्ट के आदेशों पर अमल करने से रोकने का आरोप
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने लोअर बाजार से अतिक्रमण व ओवर हैंगिंग हटाने बाबत दिए आदेशों की अक्षरशः अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा है। पिछली सुनवाई के दौरान भी कोर्ट ने अपने आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए एसपी शिमला को आदेश जारी किए थे कि वह नगर निगम शिमला के अधिकारियों को लोअर बाजार से अतिक्रमण व ओवर हैंगिंग हटाने के लिए जरूरी सहायता मुहैया करवाएं। नगर निगम शिमला की ओर से तहबाजारियों द्वारा कोर्ट के आदेशों पर अमल करने से रोकने का आरोप लगाया गया है।
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मामले पर समय समय पर हुई सुनवाइयों के पश्चात कोर्ट ने शिमला शहर में अतिक्रमण को रोकने के लिए उपयुक्त जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश जारी किए थे। कोर्ट ने नगर निगम शिमला से पूछा था कि शिमला शहर की सभी सड़कों पर अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों के अभी तक कितने लाइसेंस रद्द किए गए हैं। कोर्ट ने अपने उपरोक्त आदेशों की अवहेलना पर कोताही बरतने वालों के खिलाफ अवमानना का मामला चलाने के आदेश भी दिए थे। मामले पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान व्यापार मंडल शिमला की ओर से सुझाव देने के लिए एक सप्ताह के समय की मांग की गई। कोर्ट ने इस दौरान सरकार व नगर निगम शिमला को मामले से जुड़े अपने आज तक के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए। मामले पर 30 मई को अगली सुनवाई निर्धारित की गई है।