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देहरा: ITI संचालक ने बांटे हजारों जाली सर्टिफिकेट, नौकरियों पर संकट के बादल
देहरा। देहरा के हनुमान चौक में कोरोना काल में बंद हुई ITI पर फर्जी सर्टिफिकेट बांटने के आरोप लगे हैं। साल 1995 से 2021 तक चली इस ITI में हजारों लोगों ने सर्टिफिकेट लिए, जो कि फर्जी बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि अगर जांच होती है तो सैकड़ों लोगों की सरकारी नौकरी जा सकती है।
यह खुलासा तब हुआ, जब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की गृह विधानसभा क्षेत्र के नादौन ब्लॉक में एक ग्राम रोजगार सेवक की नौकरी में लगे दस्तावेजों की जांच के लिए RTI से जानकारी मांगी गई। इसमें खुलासा हुआ कि जिस ITI से यह बेसिक कंप्यूटर कोर्स का सर्टिफिकेट लिया वो फर्जी है, क्योंकि ITI के पास संस्थान चलाने का कोई भी दस्तावेज नहीं है। संस्थान ने टेक्निकल यूनिवर्सिटी से ITI खोलने की परमिशन नहीं ली थी।
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बड़ा सवाल- फिर सरकार ने अनुमति दी कैसे?
अब सवाल उठता है कि फिर सरकार की नाक तले 27 साल एक ITI फर्जी रूप से कैसे चलती रही। ITI संचालक ने भी एक प्रस्ताव डालकर यह माना कि उन्होंने बेसिक कंपयूटर कोर्स के सर्टिफिकेट बांटे हैं। प्रस्ताव में यह भी लिखा है कि 2021 में यह ITI बंद कर दी गई है। बहरहाल बीडीओ नादौन की ओर से दिए गए जांच के आदेश पर अभी विभागीय कार्यवाही की जा रही है। जांच के बाद कई लोगों की सरकारी नौकरी पर संकट के बादल छा जाएंगे, अगर उन्होंने इस ITI से बेसिक कंप्यूटर कोर्स या अन्य सर्टिफिकेट लिए होंगे। एसिस्टेंट डायरेक्टर, टेक्निकल एजुकेशन, वोकेशनल एंड इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग सुंदरनगर हिमाचल प्रदेश से मांगी गई RTI में भी जानकारी मिली है कि देहरा में इस नाम से कोई भी ITI नहीं है।
कंचन कुमारी की RTI से हुआ खुलासा
यह खुलासा कंचन कुमारी की एक RTI से हुआ है। कंचन कुमारी ने हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के ब्लॉक नादौन में कार्यरत एक ग्राम रोजगार सेवक द्वारा नौकरी के लिए दिए गए बेसिक कंपयूटर कोर्स के सर्टिफिकेट के फर्जी होने पर शक जताया है। हालांकि यह मामला काफी पुराना है, लेकिन अब विभागीय जांच शुरू हुई है। सुनील शर्मा ने बताया देहरा की एक निजी संस्था फर्जी ITI खोलकर कई वर्षों तक लोगों को लूटती रही। उस समय बेसिक कंप्यूटर कोर्स की पात्रता आवश्यक थी, परंतु उस समय प्रस्तुत ऐसे प्रमाण पत्र की सत्यता की जांच नहीं की गई। सुनील शर्मा ने बताया कि प्रमाण पत्र 1995 में देहरा में पंजीकृत सभा द्वारा जारी किया गया है, लेकिन विभाग से ली गई सूचना में यह खुलासा हुआ है कि विभाग द्वारा केवल इकाई का पंजीकरण किया गया है और कोई अलग से स्वीकृति नहीं दी गई है।
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सर्टिफिकेट बांटने की अनुमति नहीं है
सहकारिता विभाग न्यायालय व कार्यालय सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं देहरा जिला कांगड़ा के एसिस्टेंट रजिस्ट्रार रत्न सिंह ने बताया कि संस्था को पंजीकृत जरूर किया गया है, लेकिन कोई भी सर्टिफिकेट देने की अनुमति विभाग नहीं देता है। ITI चलाने की अनुमति संबंधित टेक्निकल यूनिवर्सिटी से अनुमति लेनी होती है।