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विधायकों पर दर्ज आपराधिक केस किस नियम में वापस होंगे: हाईकोर्ट ने पूछा
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने राज्य सरकार से पूछा है कि विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले (Criminal Cases Against MLAs) किस नियम के तहत वापस होंगे? अदालत ने राज्य सरकार से सबंधित नियम और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पेश करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 27 सितंबर को निर्धारित की है।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि सरकार ने विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों (Close The Criminal Cases) को खत्म करने का आवेदन दायर किया है। गृह विभाग ने अदालत से 65 अभियोगों को वापिस लेने की अनुमति मांगी है। आवेदन के माध्यम से अदालत को बताया गया कि सीएम और डिप्टी सीएम समेत विधायकों के खिलाफ प्रदेश के 10 जिलों की अदालतों में अभियोग चल रहे हैं। दलील दी गई है कि विधायकों पर राजनीतिक द्वेष (Political Vendetta) के कारण ये आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। वर्तमान और पूर्व विधायक के खिलाफ दर्ज किए गए ये मामले राजनीतिक विरोध से जुड़े हैं। किसी भी विधायक के खिलाफ गंभीर अपराध की सिफारिश नहीं की गई है।
अभी तक 7 मामले निपटाए
आवेदन में कहा गया है कि यह कानून की पुष्टि से असंबद्ध किसी गुप्त उद्देश्य से दायर नहीं किया गया है। आवेदन सार्वजनिक नीति और न्याय के हित में अच्छे विश्वास से किया गया है, न कि कानून की प्रक्रिया को विफल करने या दबाने के लिए। अदालत को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय (Supreme Court Order) के तहत विधायक और सांसद के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए विशेष न्यायाधीशों को नियुक्ति किया गया है। लेकिन अभी तक सिर्फ सात मामलों का निपटारा हुआ है।
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