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कांग्रेस नेता की सिफारिश पर किए तबादले को हाईकोर्ट ने किया रद्द
Last Updated on March 29, 2023 by sintu kumar
शिमला। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र भारद्वाज की सिफारिश पर लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता के जनजातीय क्षेत्र में दोबारा किये गये स्थानांतरण को हाई कोर्ट ने रद्द करने का निर्णय सुनाया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश शैलेष कुमार द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए पारित किए। प्रार्थी ने याचिका में आरोप लगाया था कि उसका तबादला राजनीतिक हस्तक्षेप पर हुआ है इसलिए इन तबादला आदेशों को रद्द किया जाये। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र भारद्वाज ने लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता की जनजातीय क्षेत्र में दोबारा स्थानांतरण की सिफारिश की थी।
स्थानांतरण पॉलिसी के नियमों का हुआ उल्लंघन
याचिकाकर्ता शैलेष कुमार ने आरोप लगाया था कि विभाग ने नेता की सिफारिश पर बिना सोचे समझे उसका तबादला किया है। याचिका में दिए गये तथ्यों के अनुसार प्रार्थी ने वर्ष 1996 से 2008 तक जनजातीय क्षेत्र में अपनी सेवाएं दी थी। स्थानांतरण पॉलिसी के तहत किसी भी कर्मचारी को दोबारा से जनजातीय क्षेत्र में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता के अनुसार वह लोक निर्माण विभाग उपमंडल नकरोड में सहायक अभियंता के पद पर तैनात था। इस स्थान पर अभी याचिकाकर्ता ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया था। इसके बावजूद विभाग ने राजनीतिक सिफारिश पर उसका तबादला किया है।
राजनीतिक द्वेष के कारण हुआ था स्थानांतरण
सहायक अभियंता ने आरोप लगाया गया था कि उसे राजनीतिक द्वेष के कारण स्थानांतरित किया गया है। हालांकि विभाग के पास याचिकाकर्ता को स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं थी लेकिन स्थानीय कांग्रेस नेता के निर्देशों के बाद ही विभाग ने स्थानांतरित पॉलिसी के विरुद्ध उसका तबादला किया है। इन तबादला आदेशों में कोई भी जनहित और प्रशासनिक जरूरत नहीं है। आरोप लगाया गया है कि याचिकाकर्ता का तबादला प्रताड़ित करने के लिए किया गया है। दलील दी गई कि राजनीतिक द्वेष के चलते किए गए तबादले हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ हैं। अदालत ने विभाग द्वारा पेश किये किये गये रिकॉर्ड को देखने के बाद पाया कि प्रार्थी का तबादला राजनीतिक सिफारिश पर हुआ है इसलिए रद्द किया जाता है।