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प्राकृतिक खेती: फ्रांस में भारत की अगुवाई कर रही है नौणी यूनिवर्सिटी
सोलन। हिमाचल प्रदेश में पांच साल पहले शुरू की गई प्राकृतिक खेती (Natural Farming) अब दुनियाभर में पहुंच गई है। फ्रेंच नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एंड एनवायरमेंट में रविवार से प्राकृतिक खेती, एग्रोकोलॉजी, रिजनरेटिव एग्रीकल्चर को लेकर बैठक शुरू होने जा रही है। इस बैठक में हिमाचल प्रदेश के नौणी यूनिवर्सिटी (Nauni University Of Himachal Pradesh) को भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। बैठक में फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड, स्पेन,अर्जेंटीना, चाइना, कंबोडिया, रोमेनिया और पुर्तगाल जैसे 11 देशों के 15 संस्थान भाग ले रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना से अभी तक 1 लाख 71 हजार से अधिक किसान-बागवान जुड़ चुके हैं। डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी यूनिवर्सिटी इस बैठक में प्राकृतिक खेती को लेकर हिमाचल में किए जा रहे कार्यों पर अपने विचार रखेगी, साथ ही बाहरी देशों में उपयोग में लाई जाने वाली कृषि तकनीकों (Agriculture Techniques) पर शोध करेगी। यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने बताया कि यह बैठक कल 24 सितंबर से 8 अक्टूबर तक चलने वाली है। इसमें बैठकों के कई दौर होंगे।
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यह खास प्रोजेक्ट मिला है यूनिवर्सिटी को
प्रो. चंदेल ने बताया कि प्राकृतिक खेती को एक अभियान के रूप में हिमाचल सरकार ने शुरू किया था। अब यही अभियान पूरी दुनिया तक पहुंच रहा है। भारत सरकार ने नेशनल मिशन ऑफ नेचुरल फार्मिंग (National Mission Of Natural Farming) का कांसेप्ट शुरू किया था, जिसमें सुप्रीम बॉडी में एडवाइजरी मेंबर के रूप में वे भी शामिल हुए थे। दरअसल, पिछले डेढ़ साल से ग्लोबल लेवल पर प्राकृतिक खेती को ले जाने के लिए 11 देशों ने यूरोपियन कमीशन को प्रोजेक्ट दिया, जिसमें इस खेती को नेचुरल फार्मिंग, रिजनरेटिव एग्रीकल्चर, एग्रोकोलॉजी के नाम से जाना जाता है। इसको लेकर जो प्रोजेक्ट दिया गया, उसका नाम प्लांट प्रोटेक्शन इन एग्रोकोलॉजी (प्राकतिक खेती में कीट पतंगों से पौधों की सुरक्षा) दिया गया। जनवरी माह से इस प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन किया जाएगा, जिसके तहत नौणी यूनिवर्सिटी में प्रयोग में लाई जाने वाली तकनीक और किसानों के खेतों तक दुनिया भर के वैज्ञानिक पहुंचेगे। वहीं, नौणी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक भी इस खेती को लेकर बाहरी देशों में विजिट करेंगे।