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2 महीने की बच्ची के साथ धरने पर बैठी महिला कर्मचारी, IGMC प्रबंधन को चेतावनी
शिमला। आईजीएमसी के सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से निकालने व कोविड कर्मियों (Covid Employee) के मुद्दे पर सीटू से संबंधित आईजीएमसी (IGMC) कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने आईजीएमसी के बाहर धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन में एक कर्मचारी अपने 2 महीने के बच्चे (2 Month Old Baby) के साथ प्रदर्शन करती नजर आई। कर्मचारियों ने सुरक्षा कंपनी को भी फर्जी बताया है। अपने 2 महीने के बच्चे के साथ धरने पर बैठी रीना ने कहा कि वह अपना काम बड़ी ईमानदारी के साथ करती थी लेकिन फिर भी उसे बिना कारण नौकरी (Job) से निकाल दिया गया। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर नौकरी से निकाले गए कोविड कर्मियों को न्याय न मिला तो आंदोलन तेज होगा इसका जिम्मेदार आईजीएमसी प्रशासन होगा।
धारा 144 तोड़कर रिज पर उग्र प्रदर्शन करेंगे
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने बताया कि आईजीएमसी में राजनीति (Politics In IGMC) के चलते पिछले कई सालों से काम कर रहे सुरक्षा कर्मियों को निकाला गया है। जिस कंपनी को नए टेंडर दिए गए हैं नियमों को दरकिनार कर दिए गए हैं। यह आंदोलन निर्णायक मोड़ लेगा। आईजीएमसी प्रबंधन की मिलीभगत से यह टेंडर दिया गया है। अगर कर्मचारियों को वापिस नौकरी पर ना लिया तो हम धारा 144 तोड़कर रिज पर उग्र प्रदर्शन करेंगे और गिरफ्तारियां देंगे। उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू (CM Sukhu) और गवर्नर से इसकी जांच की मांग की है और आरोपी अधिकारियों के खिलाफ जांच कर सलाखों के पीछे डालने की मांग की है।
आईजीएमसी प्रशासन नहीं ले रहा कोई सुध
वहीं, आईजीएमसी सुरक्षा कर्मी यूनियन (IGMC Security Personnel Union) के पूर्व में प्रधान रहे बबलू ने कहा कि वह राजनीति का शिकार हुए हैं। कहा जा रहा है कि वे पूर्व एमएस जनक राज के आदमी है। उन्हें नौकरी से निकाले जाने के बाद काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महिलाओं को छोटे बच्चों के साथ मजबूरन यहां धरने पर बैठना पड़ रहा है लेकिन आईजीएमसी प्रशासन सुध नहीं ले रहा है।