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भारत-बांग्लादेश सीमा की हिफाजत करेंगी यह खतरनाक बटालियन, BSF का आइडिया
नई दिल्ली। भारत-बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों की तस्करी (Cattle Smuggling) और घुसपैठ (Intrusion) को रोकने के लिए बीएसएफ एक अनूठा प्रयोग कर रहा है। वह सीमा पर मधुक्खियों के छत्ते (Beehives) लगा रहा है। उसकी इस पहल से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। यह प्रयोग पूरा होने के बाद बांग्लादेशी घुसपैठिये या तस्कर जैसे कंटीले तारों की बाढ़ को छेड़ेंगे, मधुमक्खियां उन पर हमला (Bees Will Attack) कर देंगी। भारत और बांग्लादेश 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं, जिसमें से 2,217 किमी लंबी सीमा पश्चिम बंगाल से लगी हुई है। बीएसएफ को आयुष मंत्रालय (Ayush Ministry) ने मधुमक्खी के छत्ते और मिश्र धातु से बने ‘स्मार्ट बाड़’ पर उन्हें ठीक से लगाने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता प्रदान की है।
आयुष मंत्रालय ने दिए पौधे
बीएसएफ ने एक कदम आगे बढ़ते हुए आयुष मंत्रालय से औषधीय पौधे उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, जिनमें फूल आते हैं और इन्हें इन मधुमक्खियों के छत्तों के आसपास लगाया जा सकता है, ताकि मधुमक्खियां प्रचुर मात्रा में परागण कर सकें।
पहले मधुमक्खियों के डंक से बचो
इन छत्तों को लगाने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जब मवेशी तस्कर सरहद में घुसने के लिए बाड़ काटने (Try to Cut The Fence) की कोशिश करेंगे तो मधुमक्खियां उन पर हमला कर देंगी। मधुमक्खियों का डंक बड़ा ही खतरनाक होता है। इनके एक ही व्यक्ति को बहुत ज्यादा काटने से मौत भी हो सकती है। अधिकारियों ने कहा कि नादिया जिले में बीएसएफ (BSF) की दक्षिण बंगाल सीमा के अंतर्गत आने वाले सीमावर्ती इलाकों में मवेशी, सोना, चांदी और नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे सीमा पार अपराध होने का खतरा है और अतीत में ऐसे मामले सामने आए हैं जब बदमाशों और तस्करों ने अवैध गतिविधियों के लिए बाड़ काटने के प्रयास किए हैं।