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राजमार्गों के पास नहीं बने शौचालय, हाईकोर्ट ने सीएस से मांगा जवाब
शिमला (विधि संवाददाता)। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने राज्य के सभी राष्ट्रीय और राजमार्गों के आसपास शौचालयों (Toilets) सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं (Basic Amenities) उपलब्ध न करवाने के मामले मे मुख्य सचिव को दो सप्ताह के भीतर शपथपत्र दाखिल करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने मुख्य सचिव को इस मामले में वर्ष 2017 से अभी तक उठाये गये कदमों की व्यापक रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में 2017 से सड़कों के किनारे मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर दायर जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई हो रही है। तब से लेकर अभी तक कोर्ट ने सरकार को अनेकों आदेश जारी कर वांछित सुविधाएं उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।
हालत 2017 जैसी
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र ने बताया कि स्थिति 2017 में जैसी थी, वैसी ही अभी भी है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को सड़कों के किनारे की शौचालय सुविधाओं की जानकारी देने के आदेश दिए। हाईकोर्ट ने जनहित से जुड़े इस मामले में प्रदेश के सभी जिलाधीशों को आदेश दिए थे कि वह इन सड़कों के आसपास की सफाई कार्य से जुड़ी सभी अथॉरिटीज के साथ बैठक करे। कोर्ट ने सरकारी अधिकारियों के रवैये पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार महाधिवक्ता कार्यालय से जारी निर्देशों को हल्के में लेना वास्तव में हाईकोर्ट को हल्के में लेना माना जायेगा और दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध मजबूरन कड़ी कार्यवाई करनी पड़ेगी।
खुले में शौच करते हैं टूरिस्ट
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि प्रदेश में हर वर्ष तकरीबन 2 करोड़ पर्यटक (Tourists) आते हैं। इतने लोगों की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए सड़कों के किनारे पर्याप्त शौचालय तक नहीं है। मजबूरन पर्यटकों व अन्य यात्रियों को खुले में शौच (Open Defecation) जाना पड़ता है। इससे स्थानीय जल स्त्रोत व पर्यावण को भारी नुकसान पहुंचता है। खुले में गन्दगी करने से गम्भीर बीमारियों के फैलने का खतरा भी पैदा हो जाएगा। आने वाले समय मे यह स्थिति भयावह रूप ले लेगी, जिससे निपटने के लिए अभी से तैयारी करनी होगी। मामले पर सुनवाई 21 दिसम्बर को होगी।