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बच्चेदानी में सूजन होने पर शरीर में दिखते हैं ये लक्षण, ना करें नजरअंदाज
Bulky Uterus Symptoms : बच्चेदानी में सूजन (Bulky Uterus) महिलाओं में तेजी से उभरती एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है, जिसे अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। यह समस्या गर्भाशय (Uterus) के आकार में असामान्य बढ़ोतरी को दर्शाती है, जिसके पीछे फाइब्रॉएड (Fibroid), पीसीओएस (PCOAS), एडेनोमियोसिस, और मेनोपॉज जैसी कई संभावित वजहें हो सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस समस्या का समय पर निदान नहीं किया जाता है, तो यह भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का कारण बन सकती है।
बच्चेदानी में सूजन के मुख्य लक्षण
कई महिलाएं बच्चेदानी (Uterus) में सूजन के लक्षणों को मामूली मानकर उन्हें नजरअंदाज कर देती हैं, जो कि सही नहीं है। इसके कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं
1. कमर और पेट में दर्द: इस समस्या के कारण महिलाओं को अक्सर कमर और पेट में तेज़ या हल्का दर्द हो सकता है।
2. मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव: पीरियड्स के दौरान भारी ब्लीडिंग भी बच्चेदानी में सूजन का एक प्रमुख संकेत है।
3. पेशाब करते समय दर्द: सूजन की स्थिति में पेशाब करते समय दर्द या असहजता महसूस हो सकती है।
4. पीरियड्स का अनियमित होना: सूजन के कारण मासिक धर्म का चक्र अनियमित हो सकता है।
5. पेल्विक हिस्से में ऐंठन और ब्लीडिंग: पेल्विक क्षेत्र में बार-बार ऐंठन और अनचाही ब्लीडिंग भी सूजन के संकेत हो सकते हैं।
आयुर्वेदिक उपाय से पाएं राहत
आयुर्वेद के अनुसार, बच्चेदानी की सूजन को कम करने के लिए कई प्राकृतिक उपाय मौजूद हैं। इनमें जौ की रोटी का सेवन, शतावरी का नियमित उपयोग, और गर्म तासीर वाली चीज़ों से परहेज़ शामिल हैं। इन उपायों को अपनाकर सूजन से राहत पाई जा सकती है।
सुझाव
यदि आपको इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव हो रहा है, तो विशेषज्ञ से सलाह लेना न भूलें। बच्चेदानी में सूजन की स्थिति में जल्द निदान और सही उपचार आवश्यक है ताकि भविष्य की जटिलताओं से बचा जा सके। आयुर्वेदिक उपचार के साथ ही नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह पर चलते रहना बेहतर होगा।