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Sharadiya Navratri: हिमाचल के शक्तिपीठों में उमड़े भक्त , मंदिरों में लगी कतारें
Sharadiya Navratri: शारदीय नवरात्र आज से शुरू हो गए हैं। नवरात्र के पहले दिन प्रदेश के सभी प्रमुख शक्तिपीठों मां चिंतपूर्णी, ज्वालाजी, मां बज्रेश्वरी, मां चामुंडा , मां नैनादेवी सहित मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिरों के कपाट खुलते ही भक्तों ने कतारों में लग कर दर्शन किए। सभी मंदिरों में सुरक्षा को पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। ज्वालामुखी मंदिर के कपाट आज सुबह पांच बजे खुले और भक्तों ने दर्शन किए। मंदिर में इस बार 100 पुलिस जवान, होम गार्ड तैनात किए गए हैं। श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम में कपाट भी सुबह पांच बजे खुले, यहां पर 40 पुलिस कर्मी 20 होमगार्ड सुरक्षा के लिए तैनात है। कांगड़ा के बज्रेश्वरी मंदिर में भी सुबह पांच बजे खुले।
मां छिन्नमस्तिका के धाम चिंतपूर्णी में शारदीय नवरात्र मेले (Sharadiya Navratri Mela) का विधिवत शुभारंभ किया गया। मंदिर परिसर को फूलों सजाया गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेहतर प्रबंधों का दावा किया है। मेला के दौरान मंदिर परिसर क्षेत्र में नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों (CCTV Cameras) से जिला प्रशासन पूरी निगरानी रख रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे मेला क्षेत्र को छावनी में तबदील किया गया है और मुख्य जगहों पर पुलिस बैरियर स्थापित कर दिए गए हैं। नवरात्र मेले के दौरान श्रद्धालुओं को मां के दर्शन पर्ची सिस्टम से ही होंगे। मां के मंदिर में नारियल चढ़ाने पर रोक रहेगी। प्रशासन ने यह निर्णय भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है। वहीं मेला क्षेत्र को चार सेक्टरों में बांटा गया है और प्रत्येक सेक्टर में मेला मैजिस्ट्रेट और मेला पुलिस अधिकारी तैनात किये गए है।
नैना देवी में पहले नवरात्र में मां के दर्शन के लिए बहारी राज्यों से रात को ही श्रद्धालु पहुंच गए थे। सुबह कपाट खुलने से पहले दर्शन के लिए लाइनें लगी थी। मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। मंदिर की साफ सफाई का इसके अलावा पीने के पानी और अन्य सुविधाओं का नवरात्रों के दौरान विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मंदिर नवरात्र के दौरान रात 12:00 बजे से 2:00 बजे और दोपहर 12:00 बजे से 12:30 बजे तक बंद रहेगा। मंदिर और श्रद्धालुओं के लिए पुलिस और होमगार्ड के 600 जवान तैनात रहेंगे।
शिमला के ऐतिहासिक कालीबाड़ी मंदिर में भी सुबह 6 बजे आरती के साथ ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया। मंदिर के पुजारी मुक्ति चक्रवर्ती ने बताया कि मंदिर में 9 दिन माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाएगी। प्रथम दिवस माता शैलपुत्री की पूजा की जा रही है। कालीबाड़ी मंदिर के साथ शिमला वासियों सहित पूरे देश के लोगों की आस्था जुडी हुई है। पं बंगाल से नवरात्रों में काफी श्रद्धालु शिमला दर्शनों के लिए आते हैं। जो सच्चे मन से माता की पूजा अर्चना करता है, मां उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं।