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नूरपुर जामा मस्जिद मामला: अवैध निर्माण को लेकर मौलाना व हिंदू समाज के कार्यकर्ता आमने-सामने
Nurpur Jama Masjid case: हिमाचल में मस्जिदों में अवैध निर्माण (Illegal construction in mosques)के मुद्दे सुर्खियों में बने हुए हैं। संजौली, मंडी के बाद अब जिला कांगड़ा में नूरपुर की जामा मस्जिद (Jama Masjid) में अवैध निर्माण का मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। हिंदू समाज जहां एक तरफ मस्जिद के अंदर बने मौलाना अब्दुल फारूख के मकान को अवैध निर्माण बता रहा है तो वहीं मौलाना अब्दुल फारूख इस निर्माण को वैध बता रहे हैं। मीडिया को दिए बयान में मस्जिद के मौलाना अब्दुल फारूख ने बताया कि वे जिला चंबा(Chamba) के स्थाई निवासी हैं तथा पिछले कई वर्षों से इस मस्जिद में मौलाना के रूप में रह कर मस्जिद की देखभाल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले लगभग 50 वर्षों का रिकॉर्ड हमारे पास मौजूद हैं तथा लगभग 50 वर्षों से मुस्लिम समाज यहां पर नमाज पढ़ता आ रहा है। मौलाना ने जोर देकर कहा कि यहां कुछ भी अवैध नहीं किया जा रहा है तथा नगरपरिषद( Nager Parishad) के अनुसार नक्शा पास करवा कर ही निर्माण किया जा रहा है तथा रिहायशी मकान के लिए भी नगरपरिषद को नक्शा पास करने के लिए दस्तावेज उपलब्ध करवाए गए हैं।
नगर परिषद को भी अंधेरे में रखा
दूसरी तरफ हिंदू समाज के कार्यकर्ता अंकुश ने बताया कि जो निर्माण मौलाना द्वारा करवाया जा रहा है नगर परिषद ने इसका नक्शा पास नहीं किया है तथा नगर परिषद को भी अंधेरे में रखा गया है, क्योंकि हाइकोर्ट (High Court) के आदेश है कि अगले आदेशों तक यहां कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता। यह बात भी नगरपरिषद से छुपाई गई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन तथा नगर परिषद से हमारा अनुरोध है की तुरंत कार्रवाई करते हुए इस अवैध निर्माण (Illegal construction)को गिराया जाए।
एरिया की निशानदेही करवाई जाएगी
वहीं कार्यकारी अधिकारी आशा वर्मा ने बताया की राजस्व विभाग ( Revenue Department) के साथ मिलकर इस मसले पर बातचीत कर तथा उस एरिया की निशानदेही करवाई जाएगी। इसके बाद जो भी कानूनी रूप से कार्रवाई बनती होगी वह होगी।
रविंदर चौधऱी