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शिमला जिप बैठक में पानी घोटाले पर जोरदार हंगामा, धरने पर बैठे सदस्य सुभाष कैंथला
Himachal Water Scam: शिमला जिला परिषद की बैठक (Shimla Zila Parishad Meeting) अध्यक्ष चन्द्र प्रभा नेगी की अध्यक्षता बचत भवन में हुई। इस बैठक में ठियोग में टैंकरों से पेयजल आपूर्ति के नाम पर हुए घोटाले (Water Scam) का मामला भी गूंजा और जमकर हंगामा हुआ। नारकंडा वार्ड से जिला परिषद सदस्य सुभाष कैंथला (Member Subhash Kainthala)ने बैठक शुरू होते यह मसला उठाया। इस बाद कांग्रेस और बीजेपी (Congress and BJP) समर्थित सदस्य इस मामले पर आमने-सामने हो गए है। कैंथला ने इस घोटाले में स्थानीय विधायक पर आरोप लगाए और जल शक्ति मंत्री ( Jal Shakti Minister)का इस्तीफा मांगा। इस पर दोनों पक्षों में खूब नोकझोंक हुई। गुस्साए सदस्य सुभाष कैंथला धरने पर बैठ गए।
ये था पूरा मामला
ठियोग उपमंडल(Theog Sub-Division) में पिछले वर्ष फरवरी से जून माह के दौरान सूखे के चलते पानी की आपूर्ति टैंकरों से करने का काम ठेके पर दिया गया। आरोप है कि कई जगह पानी की आपूर्ति (Water supply)ही नहीं हुई और भुगतान कर दिया गया। ठियोग से पूर्व माकपा विधायक राकेश सिंघा ने 1.13 करोड़ रुपए के पेयजल घोटाले के आरोप लगाए थे। विभाग की प्रारंभिक जांच में यह आरोप सही पाए गए। मामला सामने आने के बाद जल शक्ति विभाग (Jal Shakti Vibhag)के 10 अफसरों को निलंबित किया गया है। इनमें 2 अधिशासी, 3 सहायक, 4 कनिष्ठ और एक सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं। सरकार ने मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए जांच विजिलेंस ब्यूरो को सौंपी है।
कोरम से सांसद और विधायकों को किया जाये बाहर
जिप अध्यक्ष चन्द्र प्रभा नेगी (Chandra Prabha Negi)ने कहा कि बैठक में सभी सदस्यों द्वारा जनकल्याण से संबंधित कार्यों की पैरवी की जाती है इसलिए सभी अधिकारी इन प्रस्तावों को गंभीरता से लें ताकि लोगों को अधिक से अधिक लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने सभी अधिकारियों, खासकर जिनसे सम्बंधित मुद्दे बैठक में उठाये जाने हैं, को जिला परिषद की बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिए। बैठक में सभी सदस्यों ने जिला परिषद के कोरम से सांसद ( MP) और विधायकों ( MLA)को बाहर करने का प्रस्ताव रखा और इस संबंध में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) से बात करने का सुझाव दिए। उल्लेखनीय है कि जिला परिषद् की बैठक में ना ही कभी सांसद उपस्थित होते हैं और ना ही विधायक जिससे बैठक का कोरम पूरा नहीं हो पता और मामलों को अनुमोदित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
संजू चौधरी
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