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पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व सांसद किशन कपूर, पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
Kishan Kapoor:धर्मशाला: बीजेपी नेता एवं पूर्व सांसद किशन कपूर पंचतत्व में विलीन हो गए। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार खनियारा स्थित मांझी खड्ड के श्मशान घाट में किया गया। किशन कपूर के बेटे शाश्वत कपूर ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पूर्व रविवार सुबह उनका शव खनियारा स्थित पटौला मैदान में लोगों के दर्शनों के लिए रखा गया, जहां सैकड़ों की संख्या में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित आम लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
सरकार की तरफ से कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार और उपमुख्य सचेतक केवल पठानिया ने उन्हें अंतिम विदाई दी। इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, प्रदेश भाजपा महासचिव त्रिलोक कपूर, पूर्व मंत्री रमेश धवाला, राधा रमण शास्त्री, विधायक सुधीर शर्मा, जनक राज सहित अन्य विधायक और पूर्व विधायक तथा बड़ी संख्या में पार्टी नेता और कार्यकर्ताओं के अलावा जिला प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में धर्मशाला से स्थानीय और तिब्बती समुदाय भी मौजूद रहे।
भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ सिपाही और मेरे अनन्य मित्र स्व. किशन कपूर जी के अंतिम यात्रा में शामिल होकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
दशकों तक साथ काम करने वाले मित्र की अंतिम यात्रा के एक-एक पग बहुत भारी होते हैं।
ईश्वर स्वर्गीय किशन कपूर जी को अपने श्री चरणों में स्थान दें।… pic.twitter.com/Z6ZXx8WKDZ
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) February 2, 2025
जाहिर है लंबी बीमारी के चलते बीते दिन शनिवार को पूर्व सांसद किशन कपूर का निधन हो गया था। कपूर पिछले कुछ दिनों से पीजीआई में उपचाराधीन थे। उन्हें बीते रविवार को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। किशन कपूर 5 बार विधायक रहे हैं, 3 बार मंत्री और एक बार सांसद रहे हैं। उन्होंने अपना पहला चुनाव 1985 में लड़ा था। यह चुनाव वह हार गए थे। वर्ष 1990 में पहली बार विधायक बने। 1998, 2008 और 2017 में प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे। जबकि 2019 में वह कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद बने। वर्ष 2008 से 2012 प्रो. प्रेम कुमार धूमल की सरकार में परिवहन एंव जनजातीय मंत्री रहे। वर्ष 2017 से 2019 तक जयराम सरकार में उद्योग, परिवहन व शहरी विकास मंत्री रहे। 2019 से 2024 तक कांगड़ा के सांसद बने। 2019 में उन्होंने रिकॉर्ड मतों के अंतर से सीट जीती थी। उन्होंने 4.77 लाख मतों के अंतर से जीत हासिल की थी।
रविद्र चौधरी