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रोहड़ू के लिंमड़ा में दलित नाबालिग मौ#त मामले में हुई पहली गिरफ्तारी, आरोपी महिला अरेस्ट
Rohru Dalit Minor Case: शिमला के रोहड़ू उपमंडल के चिड़गांव क्षेत्र के लिंमड़ा गांव में अनुसूचित जाति के नाबालिग की आत्महत्या के मामले में पहली गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने इस प्रकरण में एक महिला को गिरफ्तार किया है। आरोपी महिला की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद चिड़गांव पुलिस ने बीती रात उसे हिरासत में लिया। आरोपी माहिला को अदालत में पेश किया जाएगा। इसकी पुष्टि डीएसपी रोहड़ू प्रणव चौहान ने की है।
जांच अधिकारी एएसआई मंजीत को निलंबित करने के निर्देश
हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान ने रोहड़ू के लिंमड़ा गांव में नाबालिग बच्चे की मौत प्रकरण को लेकर रोहड़ू रेस्ट हाउस में गत दिवसप्रशासन से मामले की रिपोर्ट तलब की।आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि पुलिस ने मामले में अभी तक जांच को संतोषजनक नहीं पाया गया है। पुलिस की शुरुआती जांच में ही मामले में ढील बरतने की वजह से जांच प्रभावित हुई है। अध्यक्ष ने कहा कि शुरुआती मामले में जब 20 सितंबर 2025 को एफआईआर दर्ज की गई तो मामला अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम 1989 की धाराओं के साथ दर्ज नहीं किया गया। मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी ने जांच को सही ढंग से नहीं किया, इसी वजह से आयोग ने आज विभिन्न पक्षों और तथ्यों के आधार पर मामले की जांच कर रहे पुलिस जांच अधिकारी एएसआई मंजीत को निलंबित करने के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही इस मामले में पुलिस जांच में एसडीपीओ रोहड़ू की कार्यप्रणाली भी संतोषजनक नहीं पाई गई है। इसलिए आयोग ने फैसला लिया है कि एसडीपीओ रोहड़ू से इस पूरे मामले को लेकर एक्सप्लेनेशन मांगा जाएगा। इसके साथ ही पीड़ित परिवार के सदस्यों सुरक्षा का खतरा बताया जिसको ध्यान में रखते हुए उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाने के निर्देश भी पुलिस को दिए गए हैं।
घर की शुद्धि के लिए पिता से बकरे देने का जिक्र
कुलदीप कुमार धीमान ने कहा कि इस मामले में पीड़ित परिवार की ओर से पुलिस को दी गई शिकायत में बच्चे के घर में प्रवेश करने पर अछूत बताने और घर की शुद्धि के लिए पिता से बकरे देने का जिक्र किया गया है। लेकिन पुलिस ने इस मामले अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम 1989 के तहत मामले को दर्ज करना उचित समझा ही नहीं गया। जब मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो उसके बाद अधिनियम की धाराओं के तहत मामले को दर्ज किया गया। इसके बावजूद भी पुलिस आरोपित महिला को गिरफ्तार ही नहीं कर पाई।उन्होंने कहा कि जब से यह मामला ध्यान में आया है तब से आयोग पूरे मामले पर निगरानी कर रहा है। 01 अक्टूबर को इस मामले को लेकर एसडीपीओ रोहड़ू से तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट तलब की गई थी लेकिन उन्होंने रिपोर्ट निर्धारित समय में नहीं दी। 14 अक्टूबर 2025 को डीजीपी कार्यालय से आयोग को रिपोर्ट प्राप्त हुई है। आयोग के आदेशों पर स्थानीय पुलिस ने ढुलमुल रवैया अपनाया है।आयोग ने मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट ली और विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ भी की। इसके अतिरिक्त, पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ भी बैठक की।
संजू चौधरी
