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हिमाचल में पंचायतों के पुनर्गठन पर राज्य चुनाव आयोग ने लगाई रोक, पंचायत चुनाव की तैयारियां
Panchayats Election in Himachal: राज्य चुनाव आयोग ने प्रदेश में पंचायतों का पुनर्गठन पर रोक लगा दी है। इस संबंध में आज आदेश जारी कर दिए गए हैं। ऐसे में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। आयोग के इस आदेश के बाद अब सरकार पंचायतों का पुनर्गठन नहीं कर पाएगी। आयोग ने आदर्श आचार संहिता के खंड को पूरे प्रदेश में लागू करते हुए पंचायतों व निकाय के वार्डों की सीमाओं में बदलाव करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। दरअसल राज्य सरकार ने पिछली कैबिनेट मीटिंग में पंचायतों के पुनर्गठन का फैसला लिया था और सभी डीसी से पुनर्गठन के लिए 15 दिन के भीतर प्रस्ताव मांगे थे। आयोग के इस आदेश के बाद सरकार को झटका लगा है।

डिलिमिटेशन बार -बार नहीं किया जा सकता
अपने आदेशों में आयोग ने स्पष्ट किया कि प्रदेश की 3577 पंचायतों, 92 पंचायत समितियों में से 90, 12 जिला परिषद में से 11 और 73 नगर निकाय में से 70 का डिलिमिटेशन पहले ही कर दिया गया है। कोर्ट के आदेशानुसार डिलिमिटेशन बार -बार नहीं किया जा सकता। साथ ही आयोग ने 3577 पंचायतों में 3548 पंचायतों की वोटर लिस्ट भी तैयार कर दी है। ऐसे में यदि दोबारा डिलिमिटेशन किया गया तो वार्ड की बाउंड्री डिस्टर्ब हो जाएगी। इससे वोटर लिस्ट भी दोबारा बनानी पड़ेगी। कमीशन ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, चुनाव पांच साल पूरा होने से पहले करवाने अनिवार्य है। यह संवैधानिक बाध्यता भी है। इसलिए तय समय पर चुनाव के लिए दोबारा डिलिमिटेशन नहीं किया जा सकता।
31 जनवरी 2026 को पूरा हो रहा कार्यकाल
आयोग के अनुसार पंचायतीराज संस्थाओं का कार्यकाल 31 जनवरी 2026 को पूरा हो रहा है। 18 जनवरी 2026 को 50 नगर निकायों, 13 अप्रैल 2026 को धर्मशाला, पालमपुर, मंडी व सोलन नगर निगम तथा 16 अप्रैल को अंब, चिड़गांव, कंडाघाट, नेरवा और निरमंड नगर पंचायत का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है।
संजू चौधरी
