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खुद को #Army_Officer बताकर 17 लड़कियों को लगा चुका #चूना, अब तक ऐंठ चुका 6.61 करोड़
प्रकाशम। आपने शादी के नाम पर ठगी के मामले सुने और पढ़े होंगे। आज हम आप को बता रहे हैं है ऐसे शख्स के बारे में जो अपने आप को सेना का अफसर (Army officer) बता कर लोगों ने शादी के नाम अभी कर करीब 6.61 करोड़ रुपये ऐंठ चुका है। इस शख्स की उम्र है 42 वर्ष और यह अभी तक 17 युवतियों और उनके परिजनों को चूना चला चुका है। फिलहाल सेना का यह फर्जी अफसर तेलंगाना पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है।
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आंध्र प्रदेश (Andra Pradesh) के प्रकाशम जिले के केल्लमपल्ली गांव के रहने वाला मधुवथ श्रीनु नायक उर्फ श्रीनिवास चौहान मधुवथ ने 2002 में गुंटूर जिले के स्वास्थ विभाग में कार्यरत महिला से शादी की थी। दोनों का एक बेटा भी है। उसका परिवार गुंटूर जिले के वीनूकोंडा इलाके में रहता है। 2014 में मधुवथ हैदराबाद शिफ्ट हो गया और जवाहर नगर स्थित सैनिकपुरी में रहने लगा। पुलिस का दावा है कि उसने अपनी पत्नी को सेना कार्यालय में नौकरी मिलने की जानकारी दी। साथ ही, कुछ जरूरी काम बताकर पत्नी से 67 लाख रुपए ले लिए। इसके बाद आरोपी ने एमएस चौहान के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनवाया और खुद को सेना का अधिकारी बताने लगा। पुलिस का कहना है कि वह महज 9वीं कक्षा तक पढ़ा है, लेकिन उसके पास पोस्टग्रेजुएशन की फर्जी डिग्री भी है। लेकिन वह खुद को एनवायरनमेंट इंजीनियरिंग में एमटेक बताता था। वह शादीशुदा है और एक बेटे का बाप भी है, लेकिन खुद को कुंवारा बताकर लड़कियों को झांसे में लेता था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने लड़कियों और उनके परिजनों को फंसाने के लिए कई मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स पर फर्जी प्रोफाइल (Fake profile) बना रखे थे।
बताया जा रहा है कि आरोपी मधुवथ ने सेना की वर्दी में फोटो खिंचवाए और उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर दिया। इसके बाद उसने कुछ मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर भी फर्जी प्रोफाइल बनाए और शादी के लिए लड़कियों को फंसाने लगा। उसने हैदराबाद में एक कमरा भी किराए पर लिया, जिसे सेना का अपना कार्यालय बताता था। उसमें वह सेना की वर्दी पहनकर बैठता और लड़कियों व उनके परिजनों से वीडियो कॉल पर बात करता था। वह खुद को नेशनल डिफेंस एकेडमी, पुणे से पासआउट बताता था। शुरुआत में वह दहेज न लेने की बात कहता था, लेकिन बाद में जरूरी काम का बहाना बनाकर पैसे ऐंठने लगता था।
पुलिस ने यह भी बताया कि उसने श्रीनिवास चौहान नाम से फर्जी आधार कार्ड बनाया जिसमें उसने अपनी जन्मतिथि 12-7-1979 की जगह 27-7-1986 दिखाई। पूछताछ में पता चला कि वह मेरिज ब्यूरो या अपने परिचितों के जरिए ऐसे परिवार खोजता जिन्हें अपनी बेटियों की शादी करनी होती थी। इसके बाद वह अपने नकली आर्मी आईडी कार्ड, फोटो और खिलौना पिस्टल के सहारे उन्हें अपने जाल में फंसा लेता था। वह खुद को पुणे, नेशनल डिफेंस अकैडमी से ग्रेजुएट बताता था और आर्मी की हैदराबाद रेंज में मेजर बताता था।ठगी के पैसों से उसने सैनिकपुरी में एक मकान, तीन कारें और ऐशो आराम के दूसरे साधन जुटाए थे।