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राम मंदिर पर बेबाकी से अपनी बात रखने वाले आचार्य धर्मेंद्र का निधन
राम मंदिर (Ram Mandir) पर अपनी बात बेबाकी से रखने वाले हिंदू नेता आचार्य स्वामी धर्मेंद्र (Acharya Dharmendra) का जयपुर (Jaipur) में निधन हो गया। वह जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल (SMS Hospital) में दाखिल थे। उन्हें पिछले महीने ही एसएमएस हॉस्पिटल में दाखिल करवाया गया था। उनको आंत की बीमारी थी। उनके निधन देशभर के हिंदू संगठनों में शोक की लहर व्याप्त हो गई है।
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आचार्य स्वामी धर्मेंद्र के दो बेटे सोमेन्द्र शर्मा और प्रणवेन्द्र शर्मा हैं। सोमेन्द्र की पत्नी और आचार्य की पुत्रवधू अर्चना शर्मा (Archna Sharma) वर्तमान में गहलोत सरकार में समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष हैं। आचार्य धर्मेंद्र राम मंदिर निर्माण के लिए सक्रिय थे और उन्होंने इसके लिए अपना अहम योगदान दिया था। वह काफी अरसे से विश्व हिंदू परिषद के हिस्सा थे। इस दौरान वह काफी चर्चा में भी रहे थे।
कुछ दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। वहीं पिछले हफ्ते बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी अस्पताल में उनका हाल-चाल जाना था। उनके पिता का नाम महात्मा रामचंद्र वीर महाराज था। उनका जन्म 9 जनवरी 1942 को गुजरात (Gujrat) के मालवाड़ा में हुआ था। उनके पिता के आदर्शों का उनके जीवन पर काफी गहरा प्रभाव पड़ा। आचार्य ने मात्र 13 साल की उम्र में वज्रांग नाम से एक समाचारपत्र निकाला।