-
Advertisement
Sukh Govt Crisis : राणा के बाद Sudhir Sharma ने भी कह दी आत्मसम्मान की बात
Sudhir Sharma : धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश की सुख सरकार ( Sukh Sarkar)लगता है आजकल सुख में नहीं है। कांग्रेस ये दो विधायक( Congress MLAs) सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) का सुखचैन छीने हुए हुए हैं। विधानसभा सत्र के दौरान और राज्यसभा (Rajya Sabha) की एक मात्र सीट के लिए होने वाले चुनाव से पहले दोनों विधायक आत्मसम्मान (self respect) के लिए तेवर दिखाए हुए हैं। पहले सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा (MLA Rajendra Rana)ने पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में आत्मसम्मान की बात कही और वही राग उनके साथी धर्मशाला से कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा (Congress MLA from Dharamshala Sudhir Sharma) ने भी गाया है। सुधीर शर्मा ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि “आत्ममानस्य सम्मति: स्वभावस्यन्ता:” स्वाभिमान से समझौता यानी पहचान का अंत।
“आत्ममानस्य सम्मति: स्वभावस्यन्ता:”
स्वाभिमान से समझौता यानी पहचान का अंत।
— sudhir sharma (@sudhirhp) February 26, 2024
सुधीर की ये पोस्ट उनके इरादे बयां करती है। हालांकि दो दिन पहले उन्होंने ये भी कहा था कि राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के पास पर्याप्त संख्या बल है। लेकिन आज की पोस्ट राज्यसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल बढ़ा रही है।
मंत्री बनने से पहले ही इनकार कर चुके हैं सुधीर
कुछ दिनों पहले विधानसभा में सीएम सुक्खू ने जब सुधीर शर्मा को मंत्री बनाने के संकेत दिए तो मीडिया से बातचीत केदौरान उन्होंने मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया था। सुधीर का कहना था कि वो अब मंत्री नहीं बनेंगे। वह अब विधायक के तौर पर काम करते रहेंगे। राज्य सरकार को 14 महीने का वक्त पूरा हो गया है। जब किसी व्यक्ति को भूख लगी होती है, तभी उसे खाना देना जरूरी होता है। इतनी ही नहीं कुछ लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भी वो इनकार कर चुके हैं।
राणा ने भी दिखाए है बगावती तेवर
राजेन्द्र राणा ने कहा है कि कैबिनेट की लिस्ट में नाम होने के बावजूद उनका नाम काटा गया है तो अब जो भी फैसला लिया जाएगा वो सुजानपुर की जनता के हित और मान सम्मान में ही लिया जाएगा। राणा ने कहा कि कोई सोचे की सुजानपुर के व्यक्ति को कोई दबाएगा , कुचल देगा तो ये तो संभव नहीं है। हम वो नहीं है जो दबा दिए जाएं। ये पटलांदर के कंगर हैं, जो कंगर से निकलता है वो कंगरों की तरह मजबूत होता है। जो भी फैसला होगा वो सुजानपुर की जनता के हित में होगा ताकि यहां की जनता के हित में होगा। बात मान सम्मान की है और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं है। मेरे सुजानपुर की जनता के पैर में कांटा लगे और मैं उसका हाल ना पूंछू। मेरे प्रदेश का बच्चा पेपर पास करके नौकरी पास करके सड़क पर भटक रहा है उससे मैं बात ना करें ये कैसे हो सकता है। इसलिए मैंने विधानसभा में उन बच्चों की आवाज को बुलंद किया , उनकी बात रखी।