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सीएम जयराम बोले-एयरपोर्ट अथॉरिटी ने किया मंडी में प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए संशोधित मास्टर प्लान प्रस्तुत
Last Updated on November 11, 2021 by admin
मंडी। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AIRPORTS AUTHORITY OF INDIA) ने मंडी में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट (Green Field Airport) का आवश्यक भूमि सहित संशोधित मास्टर प्लान प्रस्तुत किया है। ताकि इसकी हवाई पट्टी (Runway) के अभिविन्यास (ओरियंटेशन) का निर्धारण और परामर्शकर्ता द्वारा ओएलएस चार्ट तैयार किया जा सके। वह आज यहां मंडी हवाई अड्डा विकास (Airport Development) से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
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सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार ने नागर विमानन मंत्रालय और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सुझावों के अनुसार रनवे का संरेखन (अलाइनमेंट) तय करने के लिए वैपकोस लिमिटेड द्वारा लेडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया है। उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण इसी वर्ष 21 जुलाई को पूरा हुआ था। वहीं, भारतीय विमानन प्राधिकरण को लेडार सर्वेक्षण का डाटा प्रस्तुत कर दिया है।
सीएम ने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय द्वारा पूर्व में दी गई साइट क्लीयरेंस और जमा करवाए गए मास्टर प्लान के अनुसार यहां 2100 मीटर रनवे के निर्माण व दक्षिण भाग में इसके 1050 मीटर संभावित विस्तार के साथ योजना तैयार की गई थी। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि हवाई लेडार सर्वेक्षण और केंद्रीय नागर विमानन मंत्री के साथ आयोजित बैठक के बाद यहां 3150 मीटर लम्बी हवाई पट्टी की संभावना तलाश करने पर सहमति बनी थी। उन्होंने कहा कि इस आधार पर विश्लेषण के उपरान्त हवाई पट्टी की लम्बाई दक्षिण भाग के बजाय उत्तरी भाग में 1050 मीटर करने पर कार्य किया गया।
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि हवाई पट्टी की दिशा में प्रमुख बदलाव के बाद अब यह एबी-320 प्रकार के हवाई जहाजों के संचालन के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि इस हवाई अड्डे से वर्ष भर विमानों का संचालन संभव होगा और कैट-आई लाइटिंग सिस्टम से रात के समय भी विमानों का संचालन किया जा सकेगा। जयराम ने कहा कि इस महत्वकांक्षी परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए राज्य सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बीच एक संयुक्त उपक्रम कम्पनी बनाने पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना प्रदेश में न केवल बेहतर हवाई सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा देगी, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस परियोजना के वित्तपोषण के लिए मामला केन्द्र सरकार के समक्ष उठाएगी। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग ने इस बड़ी परियोजना के लिए 1000 करोड़ रुपये की सिफारिश की है। बैठक में मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और जे.सी. शर्मा, प्रधान सचिव सुभाशीष पांडा और हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक अमित कश्यप के अतिरिक्त वर्चुअल माध्यम से उपायुक्त मंडी अरिन्दम चौधरी और अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।
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