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कोरोना संकट के बीच Himachal में मिली अकबर की 500 साल पुरानी निशानी
ज्वालामुखी। कोरोना संकट के बीच जहां हर तरफ भय का माहौल बना हुआ है, इसी बीच हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के ज्वालामुखी में शहंशाह अकबर (Akbar) की 500 साल पुरानी नहर के अवशेष मिले हैं। प्राचीन टेढ़ा मंदिर के रास्ते की मरम्मत का कार्य चल रहा है, इसी दौरान ये अवशेष मिले हैं। कहा जाता है कि इस नहर से शहंशाह अकबर के सिपहसालार जंगल के बीचों-बीच से पहाड़ों का पानी निकाल कर मुख्य मंदिर ज्वालामुखी (Jawalamukhi) में माता की पावन व अखंड ज्योति को बुझाने के लिए लाए थे। हालांकि, उन्हें सफलता नहीं मिली थी। तब से इस नहर का इतिहास ज्वालामुखी से जुड़ा हुआ है।
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अवशेषों को जगह-जगह तलाशना और सहेजना किया शुरू
वर्ष1905 में हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में आए प्रलयंकारी भूकंप के कारण जहां ज्वालामुखी नगर के कई भवन मिट्टी में मिल गए थे, वहीं प्राचीन एवं ऐतिहासिक रघुनाथ जी का मंदिर टेढ़ा हो गया था और आज 115 साल के बाद भी यह मंदिर टेढ़ा ही है। इसके साथ ही यहां मौजूद नहर का वजूद भी लगभग मिट चुका था। प्रशासन ने यहां पर सड़क व सीढियों की मरम्मत का कार्य शुरू किया तो इसी दौरान खुदाई के चलते यहां पर लगभग 500 साल पुरानी अकबर की नहर के अवशेष मिले। इसके बाद मंदिर प्रशासन ने इस नहर के अवशेषों को जगह-जगह तलाशना और सहेजना शुरू कर दिया है। कहा जा रहा है कि जहां-जहां जरूरत होगी, इस नहर का जीर्णोद्धार किया जाएगा और इसको इस तरह से सहेज कर रखा जाएगा, ताकि आने वाले समय में ये यात्रियों के लिए दर्शनार्थ स्थान बन सके।
यात्रियों के लिए बनेगा एक यादगार स्थान
हिमाचल प्रदेश योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला ने कहा कि क्षेत्र के बुजुर्ग लोग कहा करते थे कि 1905 के भूकंप (Earthquake) के बाद शहंशाह अकबर की नहर जंगल में मलबे के नीचे दब गई है। उन्होंने बड़े प्रयास किएए परंतु यह नहर मिलती नहीं थी। परंतु अब नहर नजर आई हैए जिसको झाडियों से और मलबे के नीचे से निकाला गया है और यहां काफी लंबी लाइन नजर आने लगी है। कई स्थानों पर यह नहर पहाड़ों के नीचे दब जाने की वजह से और मिट्टी से क्षतिग्रस्त हो गई है, परंतु जितना भी संभव हो सकेगा, इस नहर को सजीव रूप दिया जाएगा, ताकि यात्रियों के लिए दर्शनार्थ का केंद्र बन सके। वहीं,एसडीएम ज्वालामुखी अंकुश शर्मा का कहना है कि शहंशाह अकबर की इस प्राचीन नहर को इस तरह सहेज कर रखा जाएगा, ताकि यात्रियों के लिए ये एक यादगार स्थान बन सके।