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कीरतपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्टः Curfew में रूके कर्मियों को मिल रही सभी सुविधाएं
मंडी। भारत सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में बनाए जा रहे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कीरत पुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट ( Kiratpur-Manali Fourlane Project) के कार्य को कर्फ्यू ( Curfew)के कारण रोक दिया गया है। इस पूरे प्रोजेक्ट में मंडी जिला में सबसे अहम और चुनौतीपूर्ण कार्य हो रहा है । जिला के पंडोह बाइपास टकोली प्रोजेक्ट में 10 टनलों का निर्माण किया जा रहा है, जिनकी कुल लंबाई 21 किमी है। इस कार्य को एफकॉन्स कंपनी कर रही है जो शाहपुरजी-पालनजी का हिस्सा है। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर आरके सिंह बताते हैं कि राष्ट्रीय हित के इस प्रोजेक्ट का कार्य बीते दो वर्षों से दिन-रात जारी था, लेकिन कर्फ्यू के कारण अब इसे बंद कर दिया गया है। लॉक डाउन हटते ही प्रोजेक्ट के कार्य को और तेज गति के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।
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कंपनी के पास 1800 कर्मचारी काम कर रहे हैं जिसमें अधिकतर स्थानीय और कुछ बाहरी राज्यों के शामिल हैं। जैसे ही कर्फ्यू लगा तो बाहरी राज्यों के कर्मचारियों को यहीं पर रूकना पड़ा। इनकी संख्या 850 के करीब है। इसमें 750 कर्मचारी और 90 इंजीनियर शामिल हैं। सभी के रहने के लिए 25 कैंप्स बनाए गए हैं जहां इन्हें क्लास वन की सुविधाएं दी जा रही हैं। कंपनी के पीएंडए हैड कर्नल बलजिंदर गौरेया ने बताया कि सभी कैंप्स में आईसोलेशन वॉर्ड बना दिए गए हैं और यहां रह रहे कर्मियों का रोजाना मेडिकल चैकअप किया जा रहा है। सभी के रहने, खाने और दवाइयों की उचित व्यवस्था की गई है। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। कोई भी कर्मी अपने कैंप से बाहर नहीं जाता और कोई बाहरी यहां नहीं आता।
वहीं यहां रूके कर्मचारी उन्हें मिल रही सुविधाओं से खासे खुश नजर आ रहे हैं। कर्मचारियों को रहने के लिए अलग से कमरे दिए गए हैं और सभी के मनोरंजन की पूरी व्यवस्था भी की गई है। वहीं कुछ कर्मचारी वर्क फ्राम होम के तहत भी अपनी सेवाएं यहीं से दे रहे हैं। अमृतसर निवासी कर्मचारी जागीर सिंह ने बताया कि वह नहीं चाहते की कर्फ्यू को तोड़कर घर जाएं जबकि उन्हें घर से बेहतर सुविधाएं यहीं पर ही मिल रही हैं। राष्ट्रीय हित का यह प्रोजेक्ट दिसंबर 2021 में पूरा होना था लेकिन अब इसकी अवधि थोड़ी और बढ़ सकती है। लेकिन जिस गति के साथ इस कार्य को किया जा रहा है ऐसा लग रहा है कि कर्फ्यू का भी कोई खास असर इसपर नहीं पड़ेगा।