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आठ माह बाद यूं लांघी “स्कूल” की चौखट
Last Updated on November 2, 2020 by Deepak
शिमला। कोरोना महामारी के खतरे के बीच आठ माह बाद आज से स्टूडेंटस के लिए स्कूल व कालेजों के दरवाजे खुल गए हैं। स्कूल स्तर पर नौवीं से जमा दो कक्षा तक के छात्रों की ही कक्षाएं लगी है , लेकिन कॉलेज सामान्य रूप से शुरू हुए। संस्थानों में कोरोना के कारण प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई एसओपी के तहत ही कक्षाओं का संचालन हो रहा है। खास बात यह है कि स्कूल और कॉलेज वही छात्र आए हैं , जिनके अभिभावकों का सहमति पत्र दिया है। छात्रों व शिक्षकों और गैर शिक्षकों को थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क पहनने पर ही परिसरों में प्रवेश दिया गया। प्रिंसिपलों की देखरेख में शिक्षण संस्थान सैनिटाइजेशन करवाए गए । तो कोरोनाकाल के बीच कैसा रहा स्कूल का पहला दिन,यही कुछ जानने के लिए हमारी टीम ने शिमला के सबसे बड़े स्कूल पोर्टमोर स्कूल का नजदीक से मुआयना किया।
शिमला के बाद आपको बताते है जिला ऊना में कैसा रहा स्कूल का पहला दिन
कोरोना महामारी के खतरे के बीच ऊना में आज से स्टूडेंटस के लिए स्कूल के दरवाजे खुल गए हैं। लेकिन एक निजी स्कूल से 28 शिक्षकों की कोविड.19 टेस्टिंग के लिए सेंपलिंग की गई थी। जिनमें 4 शिक्षकों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। जिला के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में कुछ एक बच्चे ही शिक्षण कार्य के लिए पहुंचे थे। लेकिन सरकार द्वारा बच्चों को स्कूल भेजने का फैसला अभिभावकों पर छोड़े जाने के बाद अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है। जिसके चलते 2 नवंबर से शुरू की गई नियमित कक्षाओं में भी बेहद कम बच्चे पहुंचे।