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कोविड-19 संकट के बीच Bali-Sudhir आए सामने, Jai Ram सरकार के समक्ष यूं रखी अपनी बात
कांगड़ा/ धर्मशाला। वीरभद्र सरकार के वक्त कैबिनेट मंत्री रहे जीएस बाली व सुधीर शर्मा ने आज अपने-अपने तरीके से जयराम सरकार के समक्ष कुछ बातें रखी हैं। दोनों ने अलग-अलग स्थान से सरकार से सवाल भी किए हैं तो कुछ मांग भी उठाई हैं। पहले बात करते हैं जीएस बाली (GS Bali) की। बाली ने कोविड-19 के चल रहे संकट के बीच जयराम सरकार (Jai Ram government) के क्रियाकलापों पर सवाल खड़े किए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि आडियो (Audio) में लेन-देन की बात से लग रहा है कि सरकार ने पूरी छूट दे रखी है। बाली ने कहा है कि विजिलेंस को इस मामले में तह तक जांच करनी चाहिए। बाली ने इसके साथ ही सीएम रिलीफ फंड (CM Relief Fund) पर कहा कि पारदर्शिता के लिए सरकार को इसे सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि आम लोगों को पता चले कि कितना पैसा आया और कहां खर्च किया गया । इसके साथ ही बाली ने परिवहन सेवाओं को भी बहाल करने की मांग सरकार से की है।
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बेलआउट पैकेज की मांग उठा रहे हैं सुधीर
वीरभद्र सरकार के वक्त कैबिनेट मंत्री रहे सुधीर शर्मा (Sudhir Sharma) ने धर्मशाला से जारी एक बयान में कहा है कि हिमाचल की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से पर्यटन क्षेत्र पर निर्भर है, जो कोविड-19 (Covid-19) की वजह से बुरी तरह से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा है कि इस प्रदेश को एक लंबे और निरंतर पैकेज की आवश्यकता है जो कि 24 महीने की अवधि का हो ए जहां कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का ध्यान रखा जाता है और उद्योग को सभी कर ढांचो के लिए छूट दी जानी चाहिए। सुधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश और केंद्र सरकार को पर्यटन उद्योग (Tourism industry) को पुनर्जीवित करने के लिए एक बेलआउट पैकेज प्रदान करना चाहिए। इस तरह हम फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था पर अपनी बात रख दी है ए परंतु पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए राहत और सुधार पैकेज पूरी तरह से अनदेखा और अछूता रहा। इसलिए सरकार को इस तरफ ध्यान देने की सख्त जरूरत है।