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जनऔषधि केंद्रों में मरीजों को मिलती हैं 1759 प्रकार की दवाईयां अनुराग ठाकुर
हमीरपुर। देश भर में 9000 से अधिक जनऔषधि केंद्र (Jan Aushadhi Center) संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों के माध्यम से मरीजों को सस्ती दवाईयां, सर्जिकल उपकरण और अन्य आवश्यक चिकित्सा सामग्री 50 से 90 प्रतिशत तक कम दामों पर उपलब्ध करवाए जा रही है। यह बात मंगलवार को डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कालेज हमीरपुर (Dr. Radhakrishnan Government Medical College Hamirpur) में एक कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कही। उन्होंने बताया कि जनऔषधि केंद्रों में सस्ती दवाईयां (Cheap Drugs) उपलब्ध होने से आम मरीजों और उनके परिजनों को बहुत बड़ी राहत मिली है।
जनऔषधि केंद्रों से मरीजों की 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक बचत
अनुराग सिंह ठाकुर (Anurag Singh Thakur) ने बताया कि इन केंद्रों के कारण अभी तक मरीजों की कुल 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की बचत हो चुकी है। इस योजना के तहत लोगों को 1759 प्रकार की हाई क्वालिटी दवाईयां (High Quality Medicines) और 280 प्रकार के सर्जिकल उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इन सभी दवाईयों एवं उपकरणों में उच्च स्तर की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है तथा इन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मान्यता प्राप्त निर्माताओं से ही खरीदा जाता है।
युवाओं को जनऔषधि केंद्र खोलने को पांच लाख तक की वित्तीय मदद
केंद्रीय मंत्री (Anurag Singh Thakur) ने बताया कि जनऔषधि केंद्र स्वरोजगार के केंद्रों के रूप में भी अपनी पहचान बना चुके हैं। प्रशिक्षित युवाओं को जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए पांच लाख रुपए तक की वित्तीय मदद (Financial Help) का प्रावधान भी किया गया है। इससे हजारों प्रशिक्षित युवा सफलतापूर्वक जनऔषधि केंद्रों का संचालन कर रहे हैं तथा अन्य युवाओं को भी रोजगार दे रहे हैं। जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए महिलाओंए दिव्यांगों, सेवानिवृत्त सैनिकों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों, पर्वतीय क्षेत्रों एवं द्वीप समूह क्षेत्रों के लोगों के लिए भी 2 लाख रुपये तक की वित्तीय मदद दी जाती है।