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हिमाचल : बाजार से खुली सरसों लेकर निकलवाए तेल का ना करें प्रयोग, जा सकती है जान
ज्वालामुखी। आर्जीमोन प्वाइजनिंग (Argemone Poisoning) से एक व्यक्ति की मौत हो गई हैै। वहीं परिवार के तीन सदस्यों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि मरने वाले व्यक्ति का नाम विजय कुमार(Vijay Kumar) है और खुंडियां जिला कांगड़ा का रहने वाला है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डॉ गुरुदर्शन गुप्ता ने भी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है और परिवार के तीन सदस्य अस्पताल में भर्ती हैं। यह मौत आर्जीमोन प्वाइजनिंग मिलावटी (सरसों के तेल) (adulterated mustard oil) की वजह से हो सकती है।
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उसने स्थानीय दुकानदार (Shopkeeper) से अगस्त में सरसों खरीदी थी। इसके बाद स्थानीय मिल में जाकर इससे तेल भी निकलवाया था। सारे परिजन खाने के लिए इसी तेल का इस्तेमाल कर रहे थे। इसके बाद उन्हें उल्टियां, दस्त शुरू हो गए। साथ ही में शरीर में सूजन के आने के साथ ही टांगें लाल हो गईं।वे अस्पतालों (Hospital) में इसका इलाज भी करवाते रहे। इतना ही नहीं उन्होंने चंडीगढ़ में भी इसका इलाज करवाया।इसी दौरान परिवार के एक सदस्य ने दम तोड़ दिया। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों ने लक्षण पाए जाने के बाद इस तेल का यूज करना भी बंद कर दिया। यह मामला स्वास्थ्य विभाग के ध्यान में आ गया है और एक टीम भी गठित कर दी गई है। इस टीम ने जांच शुरू कर दी है। तेल के सैंपल प्रयोगशाला में भेज दिए गए हैं, जहां इनकी जांच की जाएगी। वहीं इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि यह प्वाइजनिंग सरसों के बीजों में मिले हुए एक काले रंग के जंगली बीज के कारण हुई है। इसी को आर्जीमोन मैक्सिकना कहा जाता है। वहीं यह भी चेताया गया है कि जिला भर में अगर किसी भी व्यक्ति ने इस प्रकार की सरसों खरीद कर तेल निकलवाया है तो इसका इस्तेमाल तुरंत छोड़ दें। अगर इस प्रकार के लक्षण दिखें तो तुरंत नजदीक के अस्पताल में संपर्क करें और अपना इलाज सही ढंग से करवाएं।
क्या कहते हैं डीसी कांगड़ा
इस मामले में डीसी कांगड़ा डा. निपुण जिंदल ने बताया कि इस विषैले सरसों के बीज या उससे निकले तेल के सेवन से ड्राप्सी नाम की बीमारी होती है। इस बीमारी के लक्षण शरीर में विशेषकर पैरों, एड़ियों और टांगों में सूजन आना है। उन्होंने कहा कि किसी भी संबंधित क्षेत्रों में यदि किसी भी व्यक्ति को ऐसे लक्षण दिखें तो वे तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में उपचार करवाएं।