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आशा बोली- कानून तो वापस हुए पर किसानों की मौत का हिसाब कौन देगा
शिमला। केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों (farmers laws) वापस लेने का ऐलान कर दिया है, वहीं सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने इन फैसलों के पीछे उपचुनावों में मिली हार का नतीजा करार दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन कानूनों का पहले ही विरोध कर रही थी और ये कानून किसानों के हक में नहीं है। केंद्र सरकार ने ये कानून वापस तो लिए हैं, लेकिन आंदोलन की वजह से 7 सौ किसानों की जानें गई है, उसके लिए कौन जिम्मेदार है? यदि ये कानून नहीं लाए गए होते तो इन किसानो की मौत नहीं होती और ये किसान भी अपने परिवार के साथ होते।
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कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने कहा कि अभी राकेश टिकैत ने अभी आंदोलन जारी रखने की बात कही है उसका कांग्रेस समर्थन करती है अभी किसान एमएसपी की मांग कर रहे है। एमएसपी को लेकर सरकार को किसानों से बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा ये सरकार अहंकार में है और भूल जाती है कि जनता की भावना और ताकत क्या है? और हिमाचल उपचुनाव के जरिये देश की जनता को कांग्रेस पार्टी ने रास्ता दिखाया है और सरकार ने आगामी उतर प्रदेश और पंजाब
के चुनाव को देखते हुए कृषि कानूनों को वापस लिया है। उन्होंने हिमाचल की जनता का आभार जताया और कहा कि जनता ने सरकार को आइना दिखाया है और आने वाले समय में महंगाई कम होगी।
वही, कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने भी सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए लिखा कि हिमाचल उपचुनाव का असर, तीनों काले कानून वापस। उन्होंने कहा मंडी लोकसभा सीट भी भाजपा को गंवानी पड़ी। दूसरे राज्यों में भी चुनाव में हार के चलते सरकार को अब फैसलों की समीक्षा और बदलाव करना पड़ रहा है।पहले पेट्रोल के दाम कम हुए थ । हिमाचल में उपचुनाव की हार की गूंज दिल्ली तक सुनाई दी गई है।