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ग्रह दोष शांत करता है अष्टगंध, जानिए क्यों लगाते हैं इसका तिलक
Last Updated on September 29, 2020 by
हिंदू धर्म में हम पूजा करते हैं या कोई शुभ करते हैं तो तिलक जरूर लगाते हैं। तिलक को बहुत शुभ माना जाता है। तिलक केवल धार्मिक मान्यता का ही प्रतीक नहीं है बल्कि इसे इस्तेमाल करने के कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। तिलक के लिए काफी लोग अष्टगंध (Ashtagandha) का भी इस्तेमाल करते हैं। गंधाष्टक या अष्टगंध आठ गंधद्रव्यों के मिलाने से बना हुआ एक संयुक्त गंध है जो पूजा में चढ़ाने और यंत्रादि लिखने के काम में आता है। तंत्र के अनुसार विभिन्न देवताओं के लिए भिन्न-भिन्न गंधाष्टक का विधान पाया जाता है। कुमकुम, चंदन आदि की तरह अष्टगंध भी बहुत उपयोगी होता है। यह तिलक के अलावा पूजा और अन्य कई कामों में भी इसका उपयोग किया जाता है।
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ये हैं अष्टगंध के 5 चमत्कारिक फायदे –
अष्टगंध को 8 तरह की जड़ी या सुगंध से मिलाकर बनाया जाता है। अष्टगन्ध में आठ पदार्थ होते हैं- कुमकुम, अगर, कस्तुरी, चन्द्रभाग, त्रिपुरा, गोरोचन, तमाल, जल आदि। यही आठ पदार्थ सभी ग्रहों को शांत कर देते हैं। इसके इस्तेमाल से ग्रहों के दुष्प्रभाव दूर हो जाते हैं।
इसका घर में इस्तेमाल होते रहने से चमत्कारिक रूप से मानसिक शांति मिलती है। मन से तनाव हट जाता है।
अष्टगंध की सुगंध में मां लक्ष्मी को रिझाने का विलक्षण गुण होता है।
अष्टगंध के प्रयोग घर का वास्तुदोष भी दूर हो जाता है।
तिलक के रूप में अष्टगंध का उपयोग करने से वशीकरण होता है और ग्रह दोष शांत हो जाते हैं। अष्टगंध का तिलक कनिष्ठा अंगुली से लगाएं।
खासतौर पर मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए भस्म और अष्टगंध का तिलक विशेष फलदायी होता है।