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#Assam: 12वीं के पाठ्यक्रम से हटाए गए नेहरू की नीतियों व गुजरात दंगे से जुड़े पाठ
गुवाहाटी। हमारा देश भारत यूं तो विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है, लेकिन यहां पर 5 सालों बाद सरकार बदलने पर काफी कुछ बदल जाता है। नई सरकार पुरानी सरकार की योजनाओं से लेकर व्यवस्थाओं तक में अपने मन मुताबिक परिवर्तन करने में जुट जाती है। अब इस कड़ी में असम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद (Assam Higher Secondary Education Council) ने राज्य बोर्ड की 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से जवाहरलाल नेहरू की नीतियों, 1984 के सिख विरोधी दंगे और 2002 के गुजरात दंगे से जुड़े लेखन को हटा दिया है। इस बारे में सवाल किए जाने पर परिषद की तरफ से कहा गया कि पाठ्यक्रम में परिवर्तन करने का मुख्य उद्देश्य है कोविड-19 के कारण छात्रों के परीक्षा से जुड़े तनाव को कम करना और लर्निंग गैप को रोकना।
30 फीसदी सिलेबस कम करने के चक्कर में क्या-क्या हटा; जानें
पाठ्यक्रम में किए गए इस बदलाव से कक्षा 12वीं का सिलेबस 30 फीसदी तक कम हुआ है। अधिकारियों ने कहा कि राज्य भर के शिक्षकों और विषय विशेषज्ञों के साथ परामर्श के बाद ही नए सिलेबस को चुना गया है। सिलेबस में राजनीति विज्ञान विषय से ‘भारत में स्वतंत्रता के बाद राजनीति’ के सेक्शन से पहले तीन आम चुनाव, देश को बनाने में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सोच, भुखमरी और पंचवर्षीय योजनाओं के खात्मे, नेहरू की विदेश नीति, नेहरू के बाद राजनीतिक उत्तराधिकार जैसे टॉपिक को हटाया गया है।
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इसके अलावा गरीबी हटाओ की राजनीति, गुजरात का नवनिर्माण आंदोलन, पंजाब संकट और 1984 के सिख दंगे, मंडल कमीशन रिपोर्ट का लागू होना, यूनाइटेड फ्रंट और एनडीए सरकारें, 2004 के चुनाव और यूपीए सरकार, अयोध्या विवाद और 2002 के गुजरात दंगे जैसे टॉपिक को भी कोर्स से बाहर कर दिया गया है। नए कोर्स में कांग्रेस पार्टी और उसका इतिहास, कश्मीर मुद्दा, चीन और पाकिस्तान से 1962, 1965 और 1971 की जंग, इमरजेंसी, जनता दल और बीजेपी का उदय जैसे टॉपिक्स को शामिल किया गया है। इसके अलावा कक्षा 12 के इतिहास के कोर्स में अब ‘रिश्तेदारी, जाति और वर्ग’ सेक्शन शामिल नहीं है। अंग्रेजी में एक चैप्टर- मेमोरीज ऑफ चाइल्डहुड को शामिल नहीं किया गया है।