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बीजेपी का पूर्व अध्यक्ष इस सीट पर अपनी ही पुरानी पार्टी से लड़ रहा है जंग
हिमाचल का एक विधानसभा क्षेत्र ऐसा है,जहां बीजेपी का पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अपनी ही पुरानी पार्टी से जंग लड़ रहा है। लेकिन उनके सामने कांग्रेस की बगावत चुनौती बनकर खड़ी है। बात कर रहे हैं (Himachal Assembly Election 2022) हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 के तहत बंजार सीट (Banjar Seat) की। यहां से कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी छोड़कर आए खीमी राम पर दांव खेला है। इसी के चलते कांग्रेस टिकट के दावेदार आदित्य विक्रम सिंह नाराज होकर बीजेपी में चले गए। यानी कांग्रेस में बगावत का नुकसान तो कहीं ना कहीं (Khimi Ram) खीमी राम को उठाना ही पड़ेगा। खीमी राम बीजेपी में रहते हुए जीत दर्ज करवाते रहे हैं। लेकिन बीजेपी ने उन्हें कुछ समय से साइडलाइन कर दिया था,इसके चलते ही उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया।
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खीमी राम हिमाचल बीजेपी (BJP) के अध्यक्ष रहे तो विधानसभा के डिप्टी स्पीकर भी रहे हैं। अब वह (Congress) कांग्रेस के कैंडिडेट हैं। बीजेपी ने इस सीट पर अपने सिटिंग विधायक सुरेंद्र शौरी को ही उतारा है। उन्हें कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए आदित्य विक्रम सिंह (Aditya Vikram Singh) का साथ मिल गया है। जिसका कहीं ना कहीं उन्हें लाभ मिलना ही है। इस सीट पर छह कैंडिडेट है। लेकिन मुकाबले को रोचक बनाने के लिए निर्दलीय (Hiteshwar Singh) हितेश्वर सिंह भी मैदान में हैं। यानी मुकाबला सुरेंद्र शौरी,खीमी राम व हितेश्वर के बीच है। हितेश्वर पूर्व बीजेपी सांसद महेश्वर सिंह के बेटे हैं। उनके निर्दलीय उतरने के चक्कर में ही कुल्लू से बीजेपी ने उनके पिता (Maheshwar Singh) महेश्वर सिंह का टिकट काटकर दूसरे को दे दिया। बंजार विधानसभा सीट के इतिहास की तरफ जाए तो वर्ष 2017 में बीजेपी को जीत हासिल हुई थी। 2017 में इस सीट पर 80 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। बीजेपी कैंडिडेट (Surender Shourie) सुरेंद्र शौरी ने कांग्रेस प्रत्याशी आदित्य विक्रम सिंह को 3,240 वोटों के अंतर से पटखनी दी थी। बंजार में कुल 72,684 वोटर हैं। यहां शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की समस्या लगातार बनी हुई है। काफी समय से अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है। मरीजों को इलाज के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। वहीं स्कूलों में भी शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है।