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MSME Sector में बड़ा ऐलान – एक साल तक दिवालिया घोषित करने पर रोक
नई दिल्ली। आर्थिक पैकेज की पांचवीं और आखिरी किस्त का ब्योरा देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कोयला, मिनरल, रक्षा और एविएशन सहित आठ सेक्टर से जुड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने एमएसएमई, किसान, खेती और रिफॉर्म पर जोर दिया। एमएसएमई की परिभाषा बदलकर उनके लिए विस्तार किया गया, अब उन पर दिवालियापन की कार्रवाई ना हो इसके लिए न्यूनतम सीमा को एक लाख से बढ़ाकर एक करोड़ कर दी गई है। इससे एमएसएमई सेक्टर (MSME Sector) को फायदा होगा। विशेष दिवालियापन रेजोल्यूशन फ्रेमवर्क को आईबीसी के 240 ए में जोड़ दिया जाएगा। एक साल तक दिवालियापन की कोई कार्रवाई शुरू नहीं होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि छोटे तकनीकी और प्रक्रियात्मक चूक को आपराधिक सूची से हटा दिया जाएगा। पहले इसे आपराधिक रूप में देखा जाता था। जैसे सीएसआर रिपोर्टिंग (CSR Reporting) में कोई कमी रह गई या बोर्ड रिपोर्ट में छोटी मोटी कमी रह गई, फाइलिंग के समय डिफॉल्ट हो गया, एजीएम में देरी हो गई, आदि। अब इन सबको आपराधिकरण की सूची से हटा दिया गया है। इससे एनसीएलटी पर दबाव कम होगा। 7 कंपाउंडेबल ऑफेंस को खत्म कर दिया गया है और पांच को फ्रेमवर्क के रूप में लिया जाएगा।
छोटी कंपनियों, एक-व्यक्ति कंपनियों, निर्माता कंपनियों और स्टार्ट अप के लिए सभी चूक के लिए कम दंड। #AatmaNirbharApnaBharat pic.twitter.com/jYvEIrGw45
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) May 17, 2020
विदेशों में शेयरों को सीधे सूचीबद्ध करा सकती हैं निजी कंपनियां
सीतारमण ने कहा कि निजी कंपनियां अब विदेशों में शेयरों को सीधे सूचीबद्ध करा सकती हैं। यह भारतीय कंपनियों (Indian companies) के लिए बड़ी घोषणा है। 2020-21 के लिए राज्य जीएसडीपी (राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद) का 3 फीसदी या 6.41 लाख करोड़ रुपये तक का कर्ज ले सकते हैं। इसे बढ़ाकर 5 फीसदी किया जा रहा है। राज्यों ने इसकी मांग की थी जिसे मान लिया गया है। राज्यों ने अभी तक अपनी सीमा का केवल 14 फीसदी का उधार लिया है। 86 फीसदी की उनकी उधारी अभी भी बची हुई है। इससे राज्यों को 4.28 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद मिलेगी। साल 2020 को ईयर ऑफ रिफॉर्म्स के रूप में देखा जाएगा। जैसे केंद्र सरकार रिफॉर्म्स लेकर आई है, इससे रोजगार, स्वरोजगार, कारोबार और अविष्कार के नए अवसर बेंगे। हम राज्य सरकारों द्वारा लाए गए रिफॉर्म्स का भी सहयोग करते हैं।
कंपनी ऐक्ट में आपराधिक प्रावधानों को कम करना। #AatmaNirbharApnaBharat pic.twitter.com/sveOrcWz2P
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) May 17, 2020
डेवोल्यूशन ऑफ टैक्स के रूप में राज्यों को 46,038 करोड़ रुपये दिए
राज्य और केंद्र की आय में भारी कमी आई है। इस समय में केंद्र ने खुले दिल से राज्यों की मदद की है। अप्रैल में हमने डेवोल्यूशन ऑफ टैक्स के रूप में राज्यों को 46,038 करोड़ रुपये दिए। अप्रैल और मई में 12,390 करोड़ रुपये रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट के रूप में दिया गया। साथ ही अप्रैल के पहले हफ्ते में राज्यों को एडवांस रिलीज ऑफ एसडीआरएफ के रूप में 11,092 करोड़ रुपये दिए गए। 4113 करोड़ रुपये स्वास्थ्य मंत्रालय के माध्यम से दिए गए। वित्त मंत्री और अन्य अधिकारियों ने आरबीआई से अनुरोध किया था कि राज्यों की वेज एंड मीन्स एडवांसेस की लिमिट को बढ़ाया जाए। इसे 60 फीसदी बढ़ाया गया। एक तिमाही में राज्य ओवरड्राफ्ट कितने रख सकते हैं, इसे 32 दिन से बढ़ाकर 50 दिन किया गया।
कॉर्पोरेट्स के लिए ईज़ ओफ़ डूइंग बिज़्नेस। #AatmaNirbharApnaBharat pic.twitter.com/TUvUe3GVYZ
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) May 17, 2020
भारत और दुनिया में कुछ दशकों में बड़े बदलाव आए हैं। इसलिए सार्वजनिक उपक्रमों को लेकर भी नई नीति की जरूरत है। जनहित, राष्ट्रहित और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर स्ट्रैटिजिक सेक्टर की एक लिस्ट बनाई जाएगी। इससे बाहर जो कंपनियां रह जाएंगी, उनको निजीकरण का मौका दिया जाएगा, विलय किया जाएगा। पीएसई के निजीकरण का सही समय पर देखकर फैसला किया जाएगा। रणनीतिक क्षेत्रों में कम से कम एक सरकारी उपक्रम बना रहेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी सेक्टर्स को निजी क्षेत्रों को खोला जाएगा। साथ ही सार्वजनिक उप्रकम भी बने रहेंगे।