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इस शख्स ने दान में भी इतिहास रच दिया,बड़े-बड़े अमीरों को पीछे छोड़ दिया
पंकज / नई दिल्ली। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। मंदिर का निर्माण अभी भी जारी है, मंदिर निर्माण के लिए अमीर से लेकर गरीब तक ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान किया है। लेकिन गुजरात के (Diamond Businessman Of Surat) सूरत के हीरा कारोबारी दिलीप कुमार लाखी (Dilip Kumar Lakhi of Surat) ने इस दान में भी इतिहास रच दिया है। उन्होंने राम मंदिर के लिए 101 किलोग्राम सोने का दान देकर बड़े-बड़े अमीरों को पीछे छोड़ दिया है। यह राम मंदिर ट्रस्ट को मिला अब तक का सबसे बड़ा दान है। इस सोने का उपयोग राम मंदिर के दरवाजे, गर्भगृह, त्रिशूल, डमरू और स्तंभों को चमकाने के लिए किया जा रहा है। इसकी मदद से मंदिर के गर्भगृह और भूतल पर 14 स्वर्ण द्वार स्थापित किए गए हैं।
लाखी के पिता विशनदास भारत.पाक बंटवारे से पहले जयपुर आए थे
वर्तमान में सोने की कीमत करीब 68 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम है, इस हिसाब से कुल 101 किलो सोने की कीमत करीब 68 करोड़ (68 Crore) रुपए हुई। इस तरह राम मंदिर को लाखी परिवार द्वारा दिया गया यह सबसे बड़ा दान है। दिलीप कुमार लाखी के पिता विशनदास होलाराम भारत-पाकिस्तान के बंटवारे (Partition of India-Pakistan) से पहले 1944 में जयपुर आए थे। पहले से ही मेहनत के पुजारी रहे दिलीप ने 13 साल की उम्र से ट्यूशन देते थे और खाली वक्त में पिता का कारोबार संभालते थे। इसके साथ ही उनमें कारोबारी कुशलता और अनुभव बढ़ता गया। जब वो 22 साल के थे उनके पिता ने 1972 में उन्हें मुंबई के ज्वेलरी बाजार में कारोबार के लिए भेजा था। पिता के विश्वास पर खरा उतरते हुए उन्होंने हीरे के कारोबार में खासी तरक्की की।
लाखी की फैक्ट्री में 6000 से अधिक कर्मचारी
दिलीप कुमार लाखी सूरत में बड़ी हीरा पॉलिशिंग की फैक्ट्री (Big Diamond Polishing Factory in Surat) के मालिक हैं। उनकी फैक्ट्री में 6000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। दिलीप कुमार के तीन भाई मोतीराम वी लाखी, प्रकाश वी लाखी और दीपक वी लाखी हैं। ये तीनों अलग-अलग हॉन्गकॉन्ग, न्यूयॉर्क और संयुक्त अरब अमीरात में कारोबार संभालते हैं।