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वॉशिंगटन एप्पल इंपोर्ट ड्यूटी घटाने का मामलाः बीजेपी- कांग्रेस आमने-सामने, केंद्र ने बताई सच्चाई
शिमला। अमेरिका के वाशिंगटन सेब पर इंपोर्ट ड्यूटी ( Import duty on Washington Apples) घटाने के मसले ने हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। हिमाचल दौरे पर पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ( Priyanka Gandhi) और सुप्रिया श्रीनेत के बयान के बाद मामला गर्म है और इसमें राजनीति का तड़का भी लग चुका है। जिसके बाद अब बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने है। एक ओर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह(Congress State President Pratibha Singh) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है, तो वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry)का बयान भी सामने आया है। जिसमें कहा गया है कि अमेरिकी सेब एवं अखरोट पर 50 फीसदी और 100 फीसदी एमएफएन शुल्क अब भी लागू रहेगा क्योंकि केवल 20 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क हटाया गया है।
अमेरिकी सेब की चिंता कर रही केंद्र सरकारः प्रतिभा
हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद प्रतिभा सिंह ने अमेरिकी के वाशिंगटन एप्पल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने को लेकर केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि एक तरफ प्रदेश सरकार बागवानों के हितों के लिए लगातार काम कर रही और सड़कें खोलने में जुटी है ताकि प्रदेश का बागवान फल मंडियों तक अपना सेब पहुंचा सके। लेकिन बड़े दुख की बात है कि केंद्र सरकार हिमाचल ( Himachal) के बागवानों की चिंता करने की बजाय अमेरिकी सेब की चिंता करने में लगी हुई है और आपदा के समय में इम्पोट ड्यूटी घटा रही है.
बिंदल ने कांग्रेस को झूठ ना बोलने की दी नसीहत
उधर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल (BJP state president Rajeev Bindal) ने कांग्रेस पार्टी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है। राजीव बिंदल ने प्रियंका गांधी से लेकर सुप्रिया श्रीनेत तक कांग्रेस नेताओं को लपेटे में लेते हुए कहा कि न जाने कब इंपोर्ट ड्यूटी 50 फीसदी से 35फीसदी पर पहुंच गई और फिर 15फीसदी पर पहुंच गई। राजीव बिंदल ने इंपोर्ट ड्यूटी घटाने की खबरों का खंडन करते हुए कांग्रेस पार्टी पर असत्य फैलाने का आरोप लगाया और झूठ ना बोलने की नसीहत भी दी।
केवल 20 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क हटाया गया है
अमेरिका और भारत के बीच छह लंबित डब्ल्यूटीओ (WTO) विवादों को परस्पर सहमत समाधानों के माध्यम से हल करने के लिए जून 2023 में लिए गए निर्णय को ध्यान में रखते हुए भारत ने अधिसूचना संख्या 53/2023 (कस्टम) के जरिए सेब, अखरोट और बादाम सहित अमेरिकी मूल के आठ उत्पादों पर देय अतिरिक्त शुल्क को वापस ले लिया है। वर्ष 2019 में अमेरिका के उत्पादों पर एमएफएन (सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र) शुल्क के अलावा सेब एवं अखरोट में से प्रत्येक पर 20 प्रतिशत और बादाम पर 20 रुपये प्रति किलोग्राम का अतिरिक्त शुल्क लगाया गया था, जो कि कुछ विशेष स्टील और अल्युमीनियम उत्पादों पर टैरिफ या शुल्क बढ़ाने के अमेरिकी सरकार के संरक्षणवादी उपाय के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के रूप में लगाया गया था। भारत द्वारा अमेरिकी मूल के उत्पादों पर लगाए गए ये अतिरिक्त शुल्क अब वापस ले लिए गए हैं क्योंकि अमेरिका अपवर्जन प्रक्रिया के तहत स्टील और अल्युमीनियम उत्पादों को अपने यहां बाजार पहुंच प्रदान करने पर सहमत हो गया है। सेब, अखरोट और बादाम पर देय एमएफएन (सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र) शुल्क में कोई कटौती नहीं की गई है, जो अभी भी अमेरिकी मूल के उत्पादों सहित सभी आयातित उत्पादों पर क्रमशः 50 प्रतिशत, 100 प्रतिशत और 100 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से लागू होता है।