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जिप कर्मियों को नोटिस पर बीजेपी हमलावर, सरकार पर यू-टर्न लेने का आरोप
देहरा। जिला परिषद कैडर (Jila Parishad Cadre) के हड़ताली कर्मियों पर सुक्खू सरकार की कार्रवाई का मुद्दा अब राजनीतिक बन गया है। बीजेपी इस मुद्दे पर हमलावर (BJP Attacked Congress) हो गई है। बीजेपी के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र प्रभारी और पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर ने इसे सुक्खू सरकार का यू-टर्न बताते हुए सरकार से कड़े सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा कि चुनाव घोषणा पत्र में जिला परिषद कर्मियों के विलय (Merger) का ऐलान कर सत्ता में आई कांग्रेस का रुख क्यों बदल गया?
उन्होंने शुक्रवार को जसवां में मीडिया से चर्चा करते हुए पूछा कि जब जिला परिषद कैडर के कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा ही नहीं है तो फिर किस आधार पर उन्हें बर्खास्तगी का नोटिस दिया गया? क्या इसके लिए जिला पंचायत के सदन की अनुमति ली गई थी ? उन्होंने कहा कि इन कर्मियों का नियमितिकरण पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही किया गया था।
चुनाव घोषणा पत्र से मुकर गई कांग्रेस
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि जिला परिषद कैडर के कर्मियों का पंचायती राज या ग्रामीण विकास विभाग में विलय कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र (Election Manifesto) में था। अब उन्हीं कर्मचारियों को सरकार ने नौकरी से बर्खास्त करना शुरू कर दिया है। सरकार अपने वायदे से एक तरह से मुकर गई है। बीजेपी इस वर्ग के कर्मचारी की मांगों को जायज मानती है, क्योंकि इन कर्मचारियों के बलबूते पर ही केंद्र तथा प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्दी ही इन कर्मचारियों की मांगों को पूर्ण नहीं किया गया तो बीजेपी विधानसभा में इस मुद्दे को पूरे दम-खम के साथ उठायेगी और वायरल हो रहे वीडियो (Viral Video) को विधानसभा में भी दर्शाया जाएगा।
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कर्मियों के शोषण का आरोप
बीजेपी के जसवां प्रागपुर के विधायक बिक्रम ठाकुर ने कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले आज के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों की मांग को छोटी सी विसंगति बता रहे थे। लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्होंने कर्मचारियों का शोषण करना शुरू कर दिया। बिक्रम ठाकुर ने पूछा क्या यही आपका व्यवस्था परिवर्तन है? उन्होंने जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों की मांगों को जायज ठहराते हुए कहा कि पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक तथा कनिष्ठ अभियंता सहित अलग-अलग श्रेणियों के लगभग 4700 कर्मचारी विभाग में विलय की मांग को लेकर हड़ताल (Workers On Pen Down Strike) पर हैं। इनमें लगभग 2800 पंचायत सचिव, 1081 तकनीकी सहायक तथा 167 कनिष्ठ अभियंताओं सहित अन्य अलग- अलग श्रेणियों के कर्मचारी भी शामिल हैं। पंचायत प्रतिनिधियों, पंचायत समिति सदस्यों के अलावा जिला परिषद सदस्यों का भी हड़ताली कर्मचारियों को भरपूर समर्थन मिल रहा है।
सत्ता में आते ही कांग्रेस का रुख बदल गया
बिक्रम ठाकुर ने आरोप लगाया कि जब कांग्रेस विपक्ष में हुआ करती थी, तब वह जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को सरकार के खिलाफ उकसाने का काम करती थी। आज उस दौर के वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रहे हैं। उन्होंने पूर्व जयराम सरकार द्वारा इस वर्ग के कर्मचारियों के हित में लिए गए निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि विभाग में विलय की मांग को लेकर सरकार ने इन कर्मियों के साथ लंबा वार्तालाप करने के बाद एक कमेटी का गठन किया था। छठा वेतन आयोग देने की भी अधिसूचना (Notification) जारी कर दी थी। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार ने अब अपना रवैया बदल दिया।