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शिमला से चाय वाले पर बीजेपी ने जताया भरोसा, सुरेश भारद्वाज के रहे हैं धुर विरोधी
Last Updated on October 19, 2022 by saroj patrwal
शिमला। बीजेपी ने शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र से चाय वाले को चुनावी मैदान में उतारा है। वर्ष 2007 में पार्षद के तौर पर चुनावी राजनीति की शुरुआत करने वाले संजय सूद शिमला शहर से बीजेपी के उम्मीदवार हैं। मौजूदा वक्त में सूद हिमाचल बीजेपी के कोषाध्यक्ष का पदभार भी देख रहे हैं। संजय शिमला के पुराना बस अड्डे पर चाय की दुकान चलाते हैं। शहर भर में संजय सूद को टिकट मिलने के बाद जनता उनकी तुलना पीएम नरेंद्र मोदी से कर रही है। दूसरी तरफ वर्ष 2007 से लगातार चुनाव जीत रहे सुरेश भारद्वाज को पार्टी ने कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में से टिकट चुनावी मैदान में उतारा है।
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शिमला शहरी से बीजेपी उम्मीदवार संजय सूद का कहना है कि वे खुद को पीएम नरेंद्र मोदी की पैरों की धूल भी नहीं मानते, लेकिन वे जनता के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने टिकट देने के लिए पार्टी आलाकमान का आभार व्यक्त किया है। संजय सूद ने शहर में ट्रैफिक जाम, पार्किंग और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करना अपनी प्राथमिकता बताया है। शिमला शहर में गुटबाजी के सवाल पर संजय सूद ने कहा कि टिकट मांगना पार्टी के हर कार्यकर्ता का अधिकार है। उन्होंने भी इसी अधिकार के तहत पार्टी में टिकट के लिए अप्लाई किया था। कार्यकर्ताओं में लड़ाई सिर्फ टिकट तक रहती है, लेकिन टिकट आवंटन के बाद सभी मिलकर जीत के लिए काम करते हैं। गौरतलब है कि साल 2017 में भी संजय सूद बीजेपी के की टिकट के लिए प्रबल दावेदार थे। संजय सूद और सुरेश भारद्वाज को पार्टी के भीतर का धुर विरोधी माना जाता है। बीते 5 साल से दोनों ही नेताओं के गुट संगठन और सरकार में अलग-अलग दिशाओं में काम करते रहे। यह देखना होगा कि संजय सूद को शिमला और सुरेश भारद्वाज को कसुम्पटी से टिकट मिलने के बाद कार्यकर्ता एकजुट होकर काम करेंगे या नहीं।