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घालुवाल गोलीकांड में छह अरेस्ट, फिरौती के लिए चलाई गई थी गोलियां
जिला ऊना के थाना हरोली (Haroli) के तहत गांव घालुवाल में 31 अक्टूबर की रात गाड़ी पर फायरिंग (firing on car) करने के मामले को लेकर पुलिस ने आधा दर्जन लोगों को सलाखों के पीछे धकेल में सफलता हासिल की है, इनमें गाड़ी पर गोलियां चलाने वाले दो शूटर भी शामिल हैं, जिन्हें पंजाब के कपूरथला से संबंधित बताया गया है। बुधवार को एसपी अर्जित सेन ठाकुर (SP Arjit Sen Thakur) ने इस पूरी घटना का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि फिरौती मांगने ( Ransom demand) को लेकर यह वारदात हुई है, जिसे हत्या सहित कई मामलों के चलते पंजाब की सेंट्रल जेल (Central Jail of Punjab) में बंद चल रहे जिला ऊना के ही बाथू निवासी अरुण उर्फ मनी राणा ने रचा है और कई टीमों के माध्यम से इसे अंजाम भी दिया।
घटना में एक युवक भी घायल हुआ था
उन्होंने कहा कि मनी राणा ने जिला के कारोबारी से फिरौती के रूप में पैसे मांगे थे लेकिन पैसे नहीं देने की सूरत में उस पर जानलेवा हमला करवाते हुए गाड़ी पर ताबड़तोड़ गोलियां चलवा दी गई। इस घटना में एक युवक भी घायल हुआ था। इसके बाद पुलिस ने तफ्तीश के दौरान कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए इस मामले को सुलझाया और छह लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। पुलिस ने इस घटना से जुड़े लोगों को गिरफ्तार( Arrest) करने के साथ-साथ उनको लाने और ले जाने में इस्तेमाल किए गए वाहनों और यहां तक की फायरिंग में इस्तेमाल किए गए पिस्तौल सहित चार जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं।
मनी राणा पर हत्या सहित कई मामले दर्ज
एसपी ने बताया कि मनी राणा पर हत्या सहित कई प्रकार के मामले दर्ज (Many types of cases registered including murder) हैं और वह पिछले कई सालों से पंजाब की सेंट्रल जेल लुधियाना में बंद चल रहा है लेकिन वह जेल में बंद होने के बावजूद इस तरह की घटनाओं को लेकर साजिशे रच रहा है और जेल से बाहर बैठे कई असामाजिक तत्वों (Antisocial elements) के माध्यम से उन्हें अमलीजामा भी पहन रहा है। जिला पुलिस इस गोली कांड में जल्द मनी राणा को भी जांच के लिए शामिल करने वाली है। साथ ही यह पता लगाया जाएगा की जेल में बंद होने के बावजूद वह किस प्रकार लोगों को फिरौती के लिए कॉल कर रहा है और कैसे इस तरह की वारदातों को अंजाम दे रहा है।
संगठित अपराध के खिलाफ एक ठोस कानून होना आवश्यक
एसपी ने बताया कि इस मामले में शामिल कई युवा गैंगस्टर्स (young gangsters) के संपर्क में हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की वारदातों को अंजाम देना अपने आप में चिंताजनक विषय है, उन्होंने कहा कि इस प्रकार के संगठित अपराध के खिलाफ एक ठोस कानून होना आवश्यक है और पुलिस सरकार के साथ इस मामले को लेकर लगातार संपर्क में भी है। ताकि आने वाले समय में इस प्रकार के अपराधियों पर आसानी से शिकंजा कसा जा सके।