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हिमाचल के दो उद्योगों में BIS ने की रेड, नकली बोतलबंद पेयजल जब्त
सोलन। हिमाचल के मंडी (Mandi) जिला में भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards) की टीम ने बीआईएस एक्ट 2016 के उल्लंघन की जांच के लिए बोतल बंद पेयजल (Bottled Drinking Water) का निर्माण करने वाले 2 उद्योगों में छापेमारी की है। यह छापेमारी भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) प्रदेश कार्यालय परवाणु की टीम ने की है। टीम ने छापेमारी (Raid) के दौरान दोनों उद्योगों से भारी मात्रा में नकली बोतल बंद पेयजल जब्त किया है। जिसके बाद दोनों उद्योगों को सील कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह दोनों ही उद्योग बीआईएस के प्रमाणन चिन्ह के बिना बोतल बंद पेयजल का निर्माण कर रहे थे। इस मामले में बीआईएस एक्ट 2016 के तहत कार्रवाई शुरू हो गई है, जिसमें 3 साल तक कारावास या 2 लाख रुपए तक जुर्माने के साथ दोनों दंड का प्रावधान है।
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मिली जानकारी के अनुसार बीआईएस कार्यालय परवाणु को गुप्त सूचना मिली थी कि मंडी में 2 उद्योगों में बीआईएस एक्ट 2016 की धज्जियां उड़ाकर बोतल बंद पेयजल का निर्माण किया जा रहा है। जिसके चलते भारतीय मानक ब्यूरो ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए 2 टीमों का गठन किया। दोनों टीमों ने स्थानीय पुलिस की मदद से इन उद्योगों में सर्च एवं सीजर अभियान के तहत रेड की। रेड के दौरान दोनों उद्योगों में बड़ी मात्रा में बोतल बंद पेयजल की खेप बरामद हुई।
इन बोतलों पर बीआईएस का प्रमाणन चिन्ह नहीं था। बीआईएस एक्ट 2016 (BIS Act 2016) एवं एफएसएसएआई एक्ट के तहत कोई भी व्यक्ति भारतीय मानक ब्यूरो प्रमाणन चिन्ह के बिना बोतल बंद पेयजल का निर्माण या बिक्री के लिए प्रदर्शन नहीं कर सकता। ब्यूरो ने मौके पर कार्रवाई करते हुए इन दोनों उद्योगों को सील कर दिया (Two Industries Sealed) । जानकारी देते हुए भारतीय मानक ब्यूरो के निदेशक एवं राज्य शाखा प्रमुख कुमार अनिमेष ने बताया कि बिना बीआईएस प्रमाणन चिन्ह के बोतल बंद पेयजल का निर्माण कर रहे 2 उद्योगों को सील किया गया है। बीआईएस एक्ट 2016 के तहत कार्रवाई की गई है। इसमें 3 साल की सजा के साथ 2 लाख रुपए के जुर्माने का भी प्रावधान है।