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पंकज नरयाल/धर्मशाला। स्मार्ट सिटी (Smart City) धर्मशाला में स्मार्ट रेन शेल्टर, स्मार्ट पॉथ और अन्य विकास कार्यों को धरातल पर उतारा जा रहा है। इसके अलावा स्मार्ट सिटी धर्मशाला में सीवरेज की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित हो, इसके लिए शहर में 4 नए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए गए हैं। वहीं, पहले से स्थापित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटस की क्षमता बढ़ाई गई है। मैक्लोडगंज के नड्डी में होटलों की अधिकता को देखते हुए एक और नया प्लांट बनाया जा रहा है।
स्मार्ट सिटी में धर्मशाला के चयन के बाद स्मार्ट सिटी प्रशासन ने औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए स्मार्ट सिटी के तहत कार्यों को अमलीजामा पहनाना शुरू किया था। जिसके तहत जो एरिया सीवरेज कनेक्शन से जुड़ा था, उसकी क्षमता बढ़ाई गई, साथ ही बढ़ती आबादी को देखते हुए नए सीवरेज प्लांट भी बनाए गए। यह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट रूट जोन टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं, जिनमें बिजली का इस्तेमाल नहीं होता।
बात करें गमरु के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की वहां से निकलने वाले पानी का प्रयोग मछली पालन या सिंचाई के लिए सुनिश्चित हो, इसके लिए एक लेक बनाई गई है। इस लेक के माध्यम से जहां भी जरूरत होगी, पानी को वहां पहुंचाया जाएगा। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट जहां स्मार्ट सिटी के तहत बनाए गए हैं, वहीं कई लोगों द्वारा सेप्टिक टैंक (Septic Tank) का भी प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में इन सेप्टिक टैंक के भर जाने पर गंदगी को ट्रीट करने के लिए धर्मशाला नगर निगम के वार्ड 9 सकोह में एक ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जा रहा है, इसका जिम्मा स्मार्ट सिटी ने जल शक्ति विभाग को सौंपा है, जिसके लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट धर्मशाला के एमडी कम सीईओ प्रदीप ठाकुर ने कहा कि स्मार्ट सिटी में 4 नए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट साढ़े चार करोड़ रुपए की लागत से स्थापित किए गए हैं और पहले से स्थापित ट्रीटमेंट प्लांटस की क्षमता बढ़ाई है। उन्होंने बताया कि नड्डी एरिया में होटलों के बढ़ने के चलते वहां अलग से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। इन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटस (Sewage Treatment Plants) का निर्माण रूट जोन टेक्नोलॉजी पर किया जा रहा है, जिसमें बिजली का प्रयोग नहीं होता। जल शक्ति विभाग से सेप्टिक टैंक के भरने बाद गंदगी को ट्रीट करने के लिए सकोह में भी ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है।
धर्मशाला निवासी कैप्टन पुरुषोत्तम का कहना है कि स्मार्ट सिटी में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होने से लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए किसानों के खेतों को पानी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत धर्मशाला में बहुत सारे प्रोजेक्टों पर कार्य चल रहा है, जिससे लोगों को जल्द सुविधा मिलने शुरू हो जाएगी और आने वाले समय में धर्मशाला एक सुंदर शहर के रूप में उभरेगा। वहीं, वार्ड नंबर 13 दाड़ी निवासी प्रकाश चौधरी का कहना है कि स्मार्ट सिटी में शुरुआती दौर में अधिक काम नहीं हुआ है, जिसके चलते स्मार्ट सिटी के कार्य में देरी हुई है, लेकिन अब इन कार्यो ने रफ्तार पकड़ी है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत बन रहे ट्रीटमेंट प्लांट और प्रदेश की पहली झील के जरिए जहां लोग मछली पालन कर सकेंगे वहीं खेतों के लिए पानी की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत धर्मशाला में स्मार्ट बस स्टॉप का निर्माण किया गया है। इसके अलावा खाली जगहों पर सड़क के किनारों पर पौधे भी लगाए जा रहे हैं, जिससे शहर की सुंदरता में चार चांद लगेंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की दृष्टि से शहर के एंट्री पॉइंट (Entry Point) को भी निखारा जा रहा है।
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