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मेयर-डिप्टी मेयर चुनाव में वोट दिखाने की अनुमति वाली अधिसूचना को चुनौती, HC ने मांगा जवाब
Himachal High Court News : हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट (Himachal High Court) ने नगर निगमों (Municipal Corporations) के मेयर और डिप्टी मेयर के पदों के लिए चुनाव के दौरान पार्षदों द्वारा डाले जाने वाले वोटों को उनके एजेंटों को दिखाने की अनुमति देने वाली अधिसूचना को चुनौती (Challenge Notification) दी गई है। हाईकोर्ट (High Court) ने इस मामले में मुख्य सचिव, शहरी विकास विभाग और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता शैलेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि यह संशोधन कानून (Amendment Law) की मूल भावना को कमजोर करता है और असंवैधानिक है, इसलिए इसे निरस्त करने की मांग की गई है। हाई कोर्ट (Himachal High Court) ने सभी पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 20 नवंबर तक जवाब तलब किया है।
नगर निगम अधिनियम में किए गए संशोधन को चुनौती
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम में किए गए संशोधन को चुनौती दी गई है। इस संशोधन के तहत, मेयर या डिप्टी मेयर के पदों के लिए चुनाव के दौरान पार्षदों द्वारा डाले गए वोटों को उनके एजेंटों को दिखाने का प्रावधान किया गया है।
यह संशोधन कानून की मूल भावना को कमजोर करता है
याचिकाकर्ता (Petitioner) का कहना है कि यह संशोधन कानून की मूल भावना को कमजोर करता है और असंवैधानिक (Unconstitutional) है। उनका तर्क है कि यह संशोधन चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को कमजोर करता है, और इसके परिणामस्वरूप चुनाव में हेरफेर की संभावना बढ़ जाती है। हाईकोर्ट (High Court) ने इस मामले में सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 20 नवंबर तक जवाब तलब किया है। यह मामला नगर निगम (Muncipal Corporation) चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने के महत्व पर केंद्रित है, और इसका परिणाम हिमाचल प्रदेश में नगर निगम चुनावों की प्रक्रिया पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।