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स्केटबोर्डर अनस हजस को श्रद्धांजलि देने बिना पैसों के भारत भ्रमण पर निकले चंद्रू व यासीन
मंडी। यदि आपने किसी को सच्ची श्रद्धांजलि देनी हो तो आप क्या करेंगे। शायद उस व्यक्ति के परिवार के लिए कुछ सहयोग कर दें, कोई स्मारक बना दें, या फिर उसके संदेश को लोगों तक पहुंचाने का काम करेंगे। लेकिन क्या आप किसी को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए बिना पैसों के भारत भ्रमण करने की सोच सकते हैं। शायद नहीं, लेकिन केरल और तामिलनाडू के दो युवकों ने कुछ ऐसा करने की ठान रखी है। इनके नाम हैं चंद्रू और यासीन। चंद्रू केरल का रहने वाला है और यासीन तामिलनाडू का। ये दोनों निकले हैं दिवंग्त स्केटबोर्डर अनस हजस को सच्ची श्रद्धांजलि देने।
चंडीगढ़ के पास एक हादसे में हो गई थी अनस की मृत्यु
अनस हजस केरल निवासी थे और पिछले साल कन्याकुमारी से कश्मीर तक स्केटबोर्ड पर यात्रा के लिए निकले थे। अगस्त महीने में चंडीगढ़ के पास एक सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी। ये दोनों अनस हजस को अपना आदर्श मानते थे। इसलिए उनकी इच्छा को पूरा करने और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए इन्होंने बीना पैसों के भारत भ्रमण करने की सोची। 19 दिसंबर को इन्होंने केरल से अपनी यात्रा शुरू की और 13 राज्यों से गुजरते हुए इन दिनों हिमाचल प्रदेश का भ्रमण कर रहे हैं। इन्होंने अनस के स्केटबोर्ड को अपने पास रखा है जिसे ये वापिस केरल पहुंचकर अनस के परिजनों के हवाले करेंगे। चंद्रू ने बताया कि वो अभी तक 30 हजार किमी से ज्यादा का सफर कर चुके हैं।
19 दिसंबर 2022 को शुरू की थी अपनी यात्रा
इन्होंने 19 दिसंबर 2022 को केरल से अपनी यात्रा शुरू की थी। केरल के बाद कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, जम्मू कश्मीर और लद्दाख से होते हुए हिमाचल पहुंचे हैं। यह उनकी यात्रा का 14वां राज्य है। यासीन ने बताया कि उनके पास पैसे नहीं है और दोनों एक गरीब परिवार से संबंध रखते हैं। रहने के लिए सिर्फ एक टेंट है जिसे रात को कहीं भी गाड़कर सो जाते हैं। लोगों से मांगकर खाना खा रहे हैं और कपड़े भी मांगकर ही पहन रहे हैं। जब किसी से लिफ्ट मिल जाती है तो उसमें सवार हो जाते हैं नहीं तो पैदल ही चलते रहते हैं। कहीं भंडारा या लंगर दिख जाए तो वहीं पेट भर लेते हैं। इन दोनों ने एक वर्ष के भीतर अपनी इस यात्रा को संपन्न करने का लक्ष्य रखा है। अभी तक इन्हें पांच महीने हो चुके हैं अपनी यात्रा को चलाए हुए। अब ये उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश होते हुए पूर्वोतर की तरफ जाएंगे और वहां से वापिस अपने घर की तरफ प्रस्थान करेंगे।
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