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सावन में महामृत्युंजय मंत्र का जाप है अत्यंत लाभकारी, महादेव होते हैं प्रसन्न
भगवान शिव हर विपदा से अपने भक्तों को बचाते हैं। शिव को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्रों का जिक्र शास्त्रों में किया गया है, महामृत्युंजय मंत्र भी उनमें से एक है। अकाल मृत्यु के खौफ से दूर रहने और बीमारियों से मुक्ति के लिए भोलेनाथ के चमत्कारी महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बहुत ही लाभकारी है। इस मंत्र के जाप से देवों के देव महादेव प्रसन्न होते हैं और हर दुख से अपने भक्तों को दूर रखते हैं। सावन के महीने में इस मंत्र के जाप का बहुत लाभकारी है।
‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्,
उर्वारुकमिव बंधनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’
महामृत्युंजय मंत्र का जाप किसी भी महीने में सोमवार के दिन से शुरू किया जा सकता है लेकिन सावन के महीने में इस मंत्र के जाप की महिमा ही अलग है। इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला के साथ करना शुभ माना जाता है। सावन में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भोलेनाथ जल्दी अपनी कृपा बरसाते हैं। मान्यता है कि सावन के शुभ महीने में इस मंत्र का जाप 1100 बार करने से रोग-भय से मुक्ति मिल जाती है। अकाल मौत का डर भी मन से दूर हो जाता है। भोलेनाथ को समर्पित होने की वजह से सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बहुत ही शुभफल दायक होता है।
भोलेनाथ की प्रतिमा या शिवलिंग के सामने मंत्र का जाप करना करना ज्यादा लाभकारी माना जाता है।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से ही करना शुभफल देने वाला होता है।
भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र अर्पण करने के बाद ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप शुरू करना चाहिए।
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