-
Advertisement
एक साल के स्कूल में शिक्षक नहींः सब्र का बांध टूटा तो कक्षाएं छोड़ सड़क पर उतरे बच्चे
हिमाचल प्रदेश के दुर्गम इलाके के कई स्कूल ऐसे हैं यहां पर शिक्षकों की कमी है। सरकार बेशक स्कूलों में शिक्षकों को तैनात करने के दावे करती हैं पर सभी जानते हैं कि कई स्कूलों में अध्यापकों की कमी बनी हुई हैं।
ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चे शिक्षा ग्रहण कैसे करते हैं। चंबा जिला की बात करते हैं। यहां पर लांबू स्कूल अध्यापकों के पद के रिक्त होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जब कुछ नहीं हुआ तो इस स्कूल के छात्र-छात्राओं का सब्र का बांध टूट गया।
लांबू-हिलिंग सड़क पर बैठकर नारेबाजी कर रहे बच्चे
स्कूल में अध्यापकों की तैनाती की मांग को लेकर छात्र कक्षाएं छोड़ आज सड़क पर उतर गए। ये छात्र लांबू-हिलिंग सड़क पर बैठकर नारेबाजी कर रहे हैं। जरा सोचिए इन बच्चों को क्लास में होना चाहिए पर मजबूरन अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए ये सड़क पर उतर आए हैं।स्कूली बच्चों का कहना है कि जब तक शिक्षकों के रिक्त पदों पर तैनाती नहीं होती, उनकी हड़ताल जारी रहेगी। बच्चों ने वाहनों की आवाजारी बंद कर रखी है। सूचना मिलते ही पुलिस चौकी होली से एक टीम मौके पर पहुंची है और बच्चों को सड़क से हटाने के लिए समझा रही है।
पूर्व सरकार ने लांबू स्थित स्कूल को माध्यमिक से वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल का दर्जा तो दे दिया लेकिन अभी तक अध्यापक नहीं भेजे। 11वीं और 12वीं की कक्षाएं एक वर्ष तक बिना अध्यापकों के ही चलती रहीं। यहां पर स्वीकृत पांच विषयों के प्रवक्ताओं की नियुक्ति नहीं हो पाई है, जबकि अन्य शिक्षकों के भी कुछ पद खाली चल रहे हैं। ऐसे पर बीजेपी संस्थानों के डिनोटिफिकेशन का मुद्दा उठाती रही है।