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गलवान घाटी संघर्ष में कितने चीनी सैनिक मारे गए थे: #China ने पहली बार हटाया राज से पर्दा
नई दिल्ली। भारत और चीन (China) के बीच सीमा पर अब भी तनाव बरकरार है। इस सब के बीच पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी (Galvan Valley) में 15 जून हुई हिंसा में कितने चीनी सैनिक मारे गए थे, इस राज से पर्दा उठता नजर आ रहा है। दरअसल एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि चीन ने भारत के साथ बैठक में पहली बार बताया है कि गलवान घाटी संघर्ष में उसके कितने सैनिक मारे गए थी। चीन की मानें तो उसने गलवान संघर्ष में अपने 5 जवान (Chinese soldiers) गंवाए थे। इसमें चीनी सेना का एक कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल था। मोल्डो (Moldo) में भारत और चीन के बीच हुई राजनयिक और सैन्य वार्ता के दौरान पड़ोसी देश ने इसकी पुष्टि की है।
अमेरिकी और भारतीय खुफिया एजेंसियों की मानें तो 40 चीनी मरे थे
बता दें कि चीन की तरफ से पहली बार 15 जून के दिन गलवान घाटी में हुई झड़प में अपने मारे गए सैनिकों का कोई आंकड़ा दिया है, जबकि इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इससे पहले सरकारी सूत्रों ने कहा था कि बीजिंग ने स्वीकार किया है कि उनका केवल एक कमांडिंग ऑफिसर हिमालय में 15000 फीट ऊंची गलवान नदी के पास मारा गया था। हालांकि इस सब से परे अमेरिकी और भारतीय खुफिया एजेंसियों का अनुमान है कि कम से कम 40 चीनी सैनिक इस हिंसा मारे गए थे। सेना से जुड़े एक शीर्ष सूत्र द्वारा बताया गया कि वास्तविक चीनी हताहत सैनिकों की संख्या बहुत अधिक होगी। सूत्रों ने कहा कि जब चीनी पांच कहते हैं, तो इसका तीन से गुणा कर लीजिए। भारत-चीन के बीच मई की शुरुआत से ही पूर्वी लद्दाख में गतिरोध जारी है।
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सरकारी अधिकारी ने कहा कि भले इस साल मई में आधिकारिक रूप से गतिरोध शुरू हुआ है, लेकिन चीन 2017 डोकलाम संकट के ठीक बाद से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मामलों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा था। आधिकारिक सूत्र द्वारा बताया गया कि PLA ने 15-20 जवानों के बजाय 50 से 100 सैनिकों वाली पैट्रोलिंग पार्टियों को भेजना शुरू कर दिया था। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही चीन की कम्युनिस्ट सरकार के मुखपत्र कहे जाने वाले सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने चीनी पक्ष के नुक़सान की बात मानी थी। इस अख़बार के संपादक हू शिजिन ने इस मसले पर एक ट्वीट कर कहा था कि जितना मैं जानता हूँ उसके हिसाब से गलवान घाटी में 15 जून को भारत के 20 सैनिकों की मौत की तुलना में चीनी सैनिक बहुत कम हताहत हुए थे। किसी भी चीनी सैनिक को भारतीय सैनिकों ने पकड़ा नहीं था जबकि पीएलए (चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी) के जवानों ने कई भारतीय सैनिकों को पकड़ा था।