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जयराम का वार- CAA मुद्दे पर राई का पहाड़ बनाकर लोगों को गुमराह कर रही कांग्रेस
Last Updated on January 4, 2020 by Deepak
देहरादून। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने कहा कि नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के मुद्दे पर कांग्रेस (Congress) राई का पहाड़ बनाकर लोगों को गुमराह कर रही है, जबकि यह एक्ट देश के किसी भी नागरिक के अहित में नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत में हर अल्पसंख्यक (Minority) पूरी आजादी के साथ अपने धर्म का पालन करने के लिए सुरक्षित व स्वतंत्र हैं।
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पिछले पांच वर्षों में पाकिस्तान (Pakistan), बांग्लादेश और अफगानिस्तान (Afghanistan) के 566 मुसलमानों को भारतीय नागरिकता दी गई है। सीएम जयराम ठाकुर ने आज देहरादून में मीडिया से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) केवल उन अल्पसंख्यक समुदायों की सहायता के लिए है, जो तीन पड़ोसी देशों में धार्मिक प्रताड़ना झेल रहे हैं। इस एक्ट से किसी की भी नागरिकता नहीं जाएगी और न ही यह किसी समुदाय या संप्रदाय के विरुद्ध है।
श्री ननकाना साहिब की घटना का दिया उदाहरण
सीएम ने कहा कि भारत व पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा के लिए पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू (Former PM Jawaharlal Nehru) और लियाकत अली के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। भारत इस समझौते पर कायम है, लेकिन पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यकों की स्थिति दयनीय हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan), बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर हिन्दुओं, जैन, सिख, बुद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को अभियोग का सामना करना पड़ा है। इसके कारण इन तीनों देशों से अल्पसंख्यक व्यापक स्तर पर शरणार्थी बनकर आ रहे हैं। यह एक्ट केवल अफगानिस्तान (Afghanistan), पाकिस्तान (Pakistan) और बांग्लादेश से आने वाले हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के शरणार्थियों के लिए है, जिन्होंने अत्याचारों के कारण अपना देश छोड़ा है। उन्होंने कहा कि श्री ननकाना साहिब की घटना पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हो रहे अत्याचार का उदाहरण है।
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सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने कहा कि भारतीय मूल के उपरोक्त समुदायों के कई लोग नागरिकता अधिनियम, 1955 के अंतर्गत नागरिकता के लिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन भारतीय होने का सबूत देने में वे सफल नहीं हो पा रहे हैं, इसलिए उन्हें नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6 के अंतर्गत नागरिकता के लिए आवेदन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। उत्तराखंड के सीएम टीएस रावत, उत्तराखंड के बीजेपी (BJP) अध्यक्ष व सांसद अजय भट्ट, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर, सीएम के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्बाल व सीएम के ओएसडी शिशु धर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।